अयोध्या आने से पहले ही मन में श्रद्धा की नई तस्वीर बन जाएगी। आप जिस भी तरफ से यहां प्रवेश करेंगे, रामायणकालीन पात्रों के नाम के जरिये मष्तिष्क में रामायण की तस्वीर बन जाएगी। लखनऊ, गोरखपुर, रायबरेली, गोंडा, प्रयागराज, वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु रामायणकालीन पात्रों के नाम से बने मुख्य गेट से अयोध्या में प्रवेश पा सकेंगे। उन्हें मुख्य द्वार से ही रामायण की आस्था की अनुभूति हो जाएगी।
लखनऊ की ओर से अयोध्या में जाते समय श्रीराम द्वार से प्रवेश होगा। अयोध्या आने वाले हाइवे पर आउटर में छह गेट बनाए जा रहे हैं। जिनके नाम तय कर दिए गए हैं। इसके लिए जमीन के बैनामे भी शुरू हो गए हैं। प्रदेश सरकार अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए जो प्रयास कर रही है। यह गेट भी इसी कड़ी का हिस्सा है। एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह ने बताया कि गेट के पास पार्किंग से लेकर जनसुविधाओं का इंतजाम भविष्य को देखते हुए कराया जाएगा। यह काम अयोध्या विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग मिलकर करा रहे हैं।
श्रीराम द्वार लखनऊ हाइवे, हनुमान द्वार गोरखपुर हाइवे, भरत द्वार (भरत कुंड के पास प्रयागराज हाइवे), वाराणसी से आने वालों के लिए जटायु द्वार, रायबरेली से आने वालों के लिए गरुण द्वार और गोंडा से अयोध्या आने के लिए लक्ष्मण द्वार की तरफ से प्रवेश होगा। अयोध्या आने वालों को प्राकृतिक माहौल मिले, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। हाइवे के दोनों तरफ पार्किंग बनाई जाएगी।
श्री राम प्रवेश द्वार तथा पार्किंग स्थल के लिए चिह्नित भूमि को अधिग्रहण करने की कार्रवाई तेज हो गई है। उपजिलाधिकारी सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव तथा तहसीलदार पवन कुमार गुप्ता इसकी देखरेख कर रहे हैं। किसानों को मिलने वाले मुआवजे तथा अयोध्या धाम के विकास के बारे में अवगत कराते हुए स्वतः भूमि अधिग्रहण में सहयोग करने की अपील की। किसानों ने पर्यटन विभाग के नाम जमीन बैनामा किया। तहसीलदार पवन कमार गुप्ता ने बताया कि पार्किंग स्थल के लिए किसानों से वार्ता की जा रही है। शीघ्र ही किसानों की सहमति मिल जाएगी।
टिप्पणियाँ