नक्सलियों का असली चेहरा हुआ उजागर। पुरुष नक्सली महिला नक्सलियों का जमकर करते हैं शोषण।
नक्सली कहते हैं कि वे लोग गरीब लोगों को शोषण से मुक्त कराने के लिए हथियार उठाते हैं, लेकिन नक्सली ही अपनी महिला साथियों का शोषण कर रहे हैं। यह खुलासा एक महिला नक्सली के पत्र से हुआ है। उसका नाम है रेणुका कोड़ा। रेणुका के कुछ पत्र बिहार पुलिस को मिले हैं। उनके अनुसार रेणुका ने अपने कई कमांडरों को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि पुरुष नक्सली महिला नक्सलियों का जमकर यौन शोषण करते हैं। पत्र में यह भी लिखा है कि यह सब विवाह करने के आश्वासन के नाम पर होता है। रेणुका का कहना है कि पुरुष नक्सली महिला नक्सलियों से कहते हैं, ”विवाह बंधन में बंध जाएंगे, अभी तो जैसा चल रहा है है, चलने दो।”
‘दादा’ और ‘करम’ उपनामधारी कमांडरों ने रेणुका के पत्रों का जवाब भी दिया है। वे पत्र भी पुलिस को मिले हैं। उन पत्रों में कमांडरों ने रेणुका को आश्वासन दिया है कि उसकी शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। हालांकि कभी भी वे शिकायतें नहीं सुलझीं और महिला नक्सलियों का शोषण होता रहा। कमांडरों ने माना है कि रात में कार्य करने वाली महिला नक्सलियों के साथ काफी अत्याचार होते हैं।
उल्लेखनीय है कि रेणुका कोड़ा पर पुलिस ने 50,000 रु का ईनाम घोषित कर रखा था। कुछ दिन पहले ही रेणुका को देवघर जिले के चपरिया गांव से गिरफ्तार किया गया है। वह कुख्यात नक्सली प्रवेश की सहयोगी रही है। उसके विरुद्ध अलग—अलग पुलिस थानों में 19 मामले दर्ज हैं। उसने पुलिस को महिला नक्सलियों के साथ हो रहे अत्याचार की अनेक कहानियां बताई हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में अलग—अलग नामों से नक्सली सक्रिय हैं। ये लोग पुलिस पर हमला करते हैं और गांव वालों को डरा—धमकाकर अपने साथ रखते हैं। नक्सली कमांडरों का कहना है कि सरकारें गरीबों और ऐसे ही अन्य वर्गों का शोषण करती हैं। इसलिए वे व्यवस्था के विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं।
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