बीते कुछ साल में भारत की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साख में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में जिस तरह भारत ने 150 से ज्यादा देशों की नि:स्वार्थ मदद की उसे सबने सराहा है। अन्य ऐतिहासिक घटनाओं में भी भारत के मत का सम्मान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में अगर व्हाइट हाउस का एक बड़ा अधिकारी भारत की बढ़—चढ़कर प्रशंसा करता है, तो यह बात भू—राजनीति में बहुत महत्व रखती है।
ताजा समाचार है कि अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय में हिंद-प्रशात विषयों के समन्वयक कर्ट कैंपबेल द्वारा विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए भारत की प्रशंसा की गई। इतना ही नहीं कर्ट ने कहा है कि अमेरिका भारत के प्रति उत्साहपूर्ण दृष्टि रखता है। उनका कहना है कि हम यह बात सुनिश्चित करें कि जो भी हम कर रहे हैं उसके परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका बड़ी और जिम्मेदारी से भरी हो।
दुनिया के अनेक समाचारों में आईं रिपोर्ट बताती हैं कि दो दिन पहले ही अपने वक्तव्य में कर्ट ने भारत की भू-रणनीतिक स्थिति तथा भू-राजनीतिक महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस साल वाशिंग्टन की कूटनीति में नई दिल्ली का विशेष स्थान रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय में हिंद-प्रशात विषयों के समन्वयक कर्ट वाशिंग्टन के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज नामक थिंक टैंक के ‘इंडो-पैसिफिक फॉरकास्ट-2023’ कार्यक्रम में अपने विचार रख रहे थे। इस मौके पर उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका तथा उसके सहयोगी देश भारत को उस देश के तौर पर ध्यान में रखे हुए हैं जिस वे हिंद प्रशांत में और भी ज्यादा सहयोग लेने के इच्छुक हैं।
कर्ट का कहना था कि अमेरिका का पहले से चला आ रहा ‘हब एंड स्पोक’ आदर्श एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। यह एक गठजोड़ और साझेदारी का तानाबाना होगा। ‘क्वाड’ समूह के सदस्य देश और इस वर्ष जी-20 के अध्यक्ष के नाते अमेरिकी कूटनीति का पूरा ध्यान भारत पर केंद्रित रहने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उप सहायक कर्ट ने अपने राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के इस क्षेत्र में आधिकारिक दौरों की तरफ भी इशारा किया है।
भारत की रूस के हथियारों पर निर्भरता के सदर्भ में कर्ट ने कहा कि भारत की रूस की इस मायने में निर्भरता को कम करने में अमेरिका पूरा सहयोग करने को तैयार है। उनका कहना था कि भारत को सैन्य जरूरतों की आपूर्ति में मदद करने पर अमेरिका को कोई दिक्कत नहीं है। हम तो ऐसे सभी समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
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