बिहार का किशनगंज मानव तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। यहां पूर्वोत्तर राज्यों, बिहार और बंगाल की लड़कियों को बेचने का सिलसिला रुक नहीं रहा। इसमें अधिकांश हिंदू लड़कियां होती हैं, जो लव जिहाद का शिकार होती हैं या फिर घर से किसी कारण अथाव किसी के बहकावे में भाग जाती हैं।
पटना के पूर्वी लोहानीपुर की एक नाबालिग लड़की को किशनगंज में बेचने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना के ही खेमनीचक का रहने वाला शाहजहां खान उर्फ जावेद उसे बहला-फुसलाकर बस से किशनगंज ले गया और सोनू आलम को 42,000 रु. रुपए में बेच दिया। लड़की मानसिक रूप से कमजोर थी और अचानक 19 दिसंबर,2022 को लापता हो गई थी। परिजनों ने काफी प्रयास किया लेकिन लड़की बरामद न हो सकी। बाद में पुलिस ने जब लड़की के मोबाईल की सीडीआर निकाली तो उसमें जावेद का भी नंबर मिला, जिसकी ‘लोकेशन’ 19 दिसंबर,2022 तक पटना में थी, फिर मोबाइल बंद हो गया। उसकी अंतिम ‘लोकेशन’ किशनगंज जिले में मिली। जावेद मूल रूप से नालंदा के इस्लामपुर का रहने वाला है। पुलिस ने जब जावेद से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी सचाई बता दी।
अब पुलिस ने एक टीम गठित की है, जिसमें कदमकुआं थाने की दारोगा पूनम कुमारी और नवीन कुंवर शामिल हैं। ये दोनों किशनगंज गए और जावेद के बताए गए ठिकाने से लड़की को बरामद कर लिया। लड़की खगरा टोला स्थित सोनू के घर से बरामद हुई। जावेद को सोनू ने 42,000 रु के अलावा 500 रुपया बस का किराया भी दिया था। लड़की को सोनू को सौंपने के बाद जावेद वापस पटना आ गया था। जावेद ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि उसने मानव तस्करों के हाथ नाबालिग लड़की को बेचा था।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लड़की के साथ 80 वर्ष का बुजुर्ग मारपीट करता था। उसे घर में बंद कर रखा गया था। उसे भागने या किसी को अपने बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी। पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि पीड़िता की चिकित्सकीय जाँच कराई जाएगी। मानव तस्कर गिरोह के खुलासा होने की भी उम्मीद है।
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