जनता दल यूनाइडेट (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया है। वे 75 वर्ष के थे। गुरुग्राम के फ़ोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी ने ट्वीट करके दी है। सुभाषिनी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे’।
फोर्टिस अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार शरद यादव को अचेत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। उनकी शरीर में कोई मूवमेंट नहीं थी। एसीएलएस प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सीपीआर दिया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
जेपी आंदोलन से राजनीति में आए शरद यादव का जन्म 01 जुलाई 1947 में हुआ था। वे पहले राजनेता रहे जो तीन राज्यों से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे। उन्होंने पहला चुनाव जबलपुर से 1974 में लड़ा था, जबकि मधेपुरा से 4 बार लोकसभा के लिए चुने गए। 2017 में जेडीयू से उनका मतभेद हो गया था जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2018 में लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) पार्टी बनाई। शरद यादव ने 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री का जिम्मा संभाला था। वह सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया शोक
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने एक ट्वीट किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद यादव के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले सत्तर के दशक के छात्र नेता शरद जी संसद में वंचितों की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवाज थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजोकर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।
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