विश्व हिंदू परिषद के प्रन्यासी मंडल और प्रबंध समिति की इंदौर में आयोजित 3 दिवसीय बैठक 1 जनवरी को संपन्न हुई। बैठक में मजहबी कट्टरता पर विस्तार से चर्चा हुई और उसे परास्त करने का संकल्प लिया गया। बैठक के अंतिम दिन विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मजहबी कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने हेतु वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनानी होगी।
इस कट्टरता का बौद्धिक, सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर मुकाबला करना होगा। इस्लाम के एक बड़े वर्ग द्वारा जिहाद के नाम पर हिंसा, लूटपाट, बलात्कार व हत्याओं को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है। अब यह नहीं चलेगा।
हम भारत के किसी भी हिस्से को ‘दारुल इस्लाम’ नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि अभी विश्व के 30 देशों में हमारा प्रत्यक्ष कार्य है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की समस्या के समाधान तथा संगठित व संस्कारित हिंदू समाज के लिए अब ‘जहां हिंदू, वहां विश्व हिंदू परिषद’, इस लक्ष्य के साथ कार्य करेंगे।
बैठक में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव ‘मजहबी कट्टरता-दुष्परिणाम और समाधान’ पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि दुर्भाग्य से कई शताब्दियों के कटु अनुभवों के बावजूद मजहबी कट्टरता संपूर्ण विश्व के लिए आज भी चुनौती बनी हुई है। विश्व में कहीं न कहीं प्रतिदिन हो रहे आतंकवादी हमलों के लिए भी मजहबी कट्टरता जिम्मेदार है। इस अवसर पर विहिप के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र नारायण सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विजय शंकर तिवारी भी उपस्थित थे।
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