लखनऊ। फतेहपुर जिले में सामूहिक कन्वर्जन के मामले में नए तथ्य सामने आए हैं। कुछ दिन पहले सैम हिग्गिनबाटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस (शुआट्स) के प्रबंध निदेशक विनोद बिहारी लाल को पुलिस ने बयान लेने के लिए बुलाया था। अब उनसे जुड़े आइजेक फ्रैंक ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि विभिन्न बैंकों के 72 खातों में विदेशी फंडिंग के दस्तावेज मौजूद हैं। शुआट्स के वाइस चांसलर राजेन्द्र बिहारी लाल और प्रबंध निदेशक विनोद बिहारी लाल ने ईसाईयत का प्रचार करने के लिए विदेशों से करोड़ों रुपए लिए हैं। अमेरिका, लंदन, कनाडा और पाकिस्तान से करीब 60 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है।
उल्लेखनीय है कि फतेहपुर के हरिहरगंज के चर्च में सामूहिक कन्वर्जन का मामला सामने आया था। इसमें 56 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने जब विवेचना शुरू की तो शुआट्स के प्रबंध निदेशक विनोद बिहारी लाल और वाइस चांसलर को नोटिस भेजकर बयान देने के लिए बुलाया। पुलिस का कहना है कि आइजेक फ्रैंक शुआट्स के बोर्ड मेंबर हैं। स्वतंत्र गवाह के रूप में फ्रैंक से 60 बिंदुओं पर पूछताछ की गई। फ्रैंक ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले विलसन किसपोटा निदेशक थे। उनका आईसीआईसीआई बैंक में 24 करोड़ रुपया जमा था। उस पैसे का गबन कर लिया गया था। इस मामले में में कुछ लोगों को जेल भेजा गया था। गबन के रुपयों से लखनऊ, मोहनलालगंज, मिर्जापुर, बेंगलुरु, रुड़की, अजमेर, इटावा, न्यूयार्क तक में यीशू दरबार खोले गए।
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