चीन दुनिया से अपने यहां कोरोना से हो रही मौतों की सच्चाई चाहे जितनी छुपाए पर वह सामने आती जा रही है। ताजा समाचार यह है कि कुछ उपग्रह चित्रों ने चीन के कम से कम छह शहरों में श्मशान स्थलों पर शवों की लंबी कतार और उनके दाह के इंतजार में खड़ी भीड़ दर्शाई है।
दुनिया भर के समाचार पत्र इन दिनों चीन में कोरोना महामारी के जबरदस्त प्रकोप से खराब होते जा रहे हालात की खबरों से भरे पड़े हैं। दूसरी तरफ चीन अपने यहां स्थितियां सामान्य करके दिखा रहा है कि ‘सब काबू में है’। लेकिन असलियत कुछ और ही है। हाल में कुछ उपग्रहों चित्रों से मिली वहां की झलक बेहद चिंता पैदा करने वाली है।
इन उपग्रहों चित्रों में चीन के अंत्येष्टि स्थलों पर इकट्ठे होते जा रहे शव और भीड़ दिखाई देती है। इससे अनुमान यह लगाया जा रहा है कि इस कोरोना ने वहां कहर बरपाया हुआ है और बड़ी संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। इस वजह से बीजिंग, नानजिंग, चेंगदू और कुनमिंग सहित चीन के छह बड़े शहरों में हालात बेकाबू हो रहे हैं। चीन सरकार ने जनता के भारी विरोध के चलते पिछले दिनों देश में लंबे समय से जारी कोरोना प्रतिबंधों को भी हटाया है। इससे भी वहां कोरोना के मामलों में एकाएक बढ़ोतरी देखी गई है।
अमेरिकी दैनिक द वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित खबर बताती है कि चीन के चेंगदू शहर में एक ऐसा श्मशान स्थल है जो परिजनों को विदा हुए अपने स्वजन के लिए आंसू बहाने तक का समय नहीं दे पा रहा है। हर परिवार को सिर्फ दो मिनट का समय दिया जाता है जिसमें वह अपने खोए प्रियजन के लिए दो आंसू बहा सकता है। रिपोर्ट बताती है कि बीजिंग के श्मशान स्थलों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतारें लगी हैं।
ये उपग्रह चित्र मैक्सर कंपनी ने लिए हैं। मीडिया में ऐसे भी समाचार आए हैं, कि जिनसे पता चलता है अंत्येष्टि स्थलों पर काम करने वाले दिन—रात शवदाह में जुटे हुए हैं। उन्हें फुर्सत नहीं मिल रही है। चोंगकिंग शहर के श्मशान स्थल का तो यहां तक कहना कि पिछले छह साल में वहां कभी ऐसी भीड़ देखने में नहीं आई थी। श्मशान स्थलों पर लगे कोल्ड स्टोर पूरी तरह भरे पड़े हैं।
दूसरी तरफ चीन की कम्युनिस्ट सरकार कोरोना से हो रहीं मौतों के सही आंकड़े छुपाने में व्यस्त है। सरकार कहती हैं कि गत 7 दिसंबर से अब तक देश में कोरोना से सिर्फ 40 लोग मरे हैं। जिनपिंग की सरकार दावा कर रही है कि कोरोना महामारी से चीन में अभी तक कुल 5,200 मौतें ही हुई हैं। दुनियाभर के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि जैसे हालात सामने दिख रहे हैं, उनके हिसाब से तो चीन में रोज करीब 5000 लोगों के मरने का अनुमान लगाया जा सकता है।
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