राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के राजस्थान दौरे के समय सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। पाली जिले के रोहट में चार जनवरी को हेलीपेड पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तोड़कर एक महिला कनिष्ठ अभियंता ने राष्ट्रपति के पैर छू लिए। हालांकि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिसकर्मी कनिष्ठ अभियंता को पुलिस थाने ले गए जहां पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था। अब इस मामले पर गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस से रिपोर्ट मांगी तो इस मामले का खुलासा हुआ।
हालंकि राष्ट्रपति की सुरक्षा में चूक का मामला तभी बाहर आ गया था लेकिन स्थानीय अधिकारीयों द्वारा इस गंभीर मामले को दबा दिया गया। बता दें कि रोहट के पास निंबोली ब्राह्मण गांव में राष्ट्रपति स्काउट गाइड की राष्ट्रीय जंबूरी का उद्धाटन करने पहुंची और अपने विमान से उतर कर कार की तरफ जा रहीं थी, तभी जलदाय विभाग में तैनात एक महिला कनिष्ठ अभियंता राष्ट्रपति के सुरक्षा घेरे तो तोड़ते हुए उनके पास पहुंची और उनके पैरों को छूने लगी। इस अप्रत्याशित घटना से राष्ट्रपति भी सकपका गईं थी। तब राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों ने उसे तुरंत पकड कर वहा से हटाया।
राष्ट्रपति की सुरक्षा में हुई चूक ने सबको हैरत में डाल दिया। वहीं पुलिसकर्मियों ने उस महिला को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर छोड़ दिया लेकिन ये कार्रवाई को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया। बल्कि इसे स्थानीय अधिकारीयों द्वारा दबाने की कोशिश की गई। हालांकि इस मामले की जानकारी गृह मंत्रा को हो गई और अब गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेकर रिपोर्ट तलब की है।
बता दें की राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल के अनुसार हेलीपेड पर मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित 8 लोग ही जा सकते हैं। जबकि मीडिया तक को जंबूरी के पास जारी करने के बावजूद सुरक्षा के नाम पर कवरेज के लिए हेलीपेड पर जाने से रोक दिया जाता है तो रोहट में कार्यरत जलदाय विभाग की जेईएन यहां तक कैसे पहुंच गई? फ़िलहाल तो यह गंभीर जांच का विषय है, लेकिन इस घटना ने यह जरुर साबित कर दिया की स्थानीय अधिकारीयों की लापरवाही से राष्ट्रपति की सुरक्षा में गंभीर चूक तो हुई है। अब यह जांच का विषय है कि यह लालरवाही किस स्तर पर हुई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
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