प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत के पास सक्षम युवाओं की बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यू भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत के पास आज स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है। भारत की ये स्किल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएं। चार साल के बाद यह सम्मेलन एक बार अपने मूल स्वरूप और भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की मुलाकात, बात का अलग आनंद और महत्व होता है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि एमपी में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा यहां बहुत कुछ है जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।
उन्होंने इस दौरान इंदौर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी, समोसे, शिकंजी …जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका। जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। यहां की 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सर्राफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और दूसरों को भी अपने देश जाकर बताना नहीं भूलेंगे।
प्रधामंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं, तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं। दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग कामन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं। दुनिया के किसी एक देश में जब अलग-अलग प्रांतों, अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का सुखद अहसास होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रित और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव और बढ़ जाता है। इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो उसे सशक्त और समर्थ भारत की आवाज भी सुनाई देती है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश, भारत की कही बात एक अलग ही मायने रखती है। भारत की ये बढ़ती हुई ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है। इस वर्ष भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। हमें जी-20 केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जब कार्यक्रम स्थल ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में जब मंच पर पहुंचे, तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने भी संबोधित किया।
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