रामकृष्ण मिशन के 125 वर्ष पूरे होने पर कोलकाता में 24-26 दिसंबर, 2022 को एक गोष्ठी आयोजित हुई। ‘प्रज्ञा प्रवाह’ की पश्चिम बंगाल इकाई ‘लोक प्रज्ञा’ द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में अनेक वक्ताओं ने विचार रखे। विभिन्न सत्रों में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के राष्ट्रचिंतन, स्व-बोध और युवा पीढ़ी को लेकर उनके द्वारा दिए गए प्रसंगों को सामने रखा। एक दिन ‘स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर’ विषय पर भी वक्ताओं ने चिंतन किया।
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हमारा समाज, हमारी अर्थव्यव्स्था, हमारी शिक्षा औरअन्य सरकारी तंत्र भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप हो। वक्ताओं ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी हम पश्चिम का अनुकरण कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है।
वक्ताओं में रामकृष्ण मिशन, उच्च माध्यमिक विद्यालय, नरेंद्रपुर के प्राचार्य इस्टेशानंद महाराज, मठ मिशन के सहायक सचिव स्वामी वासवानंद महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख श्री अद्वैत चरण दत्त, प्रज्ञा प्रवाह की अखिल भारतीय टोली के सदस्य डॉ. सदानंद सप्रे, डॉ. जिष्णु बसु, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार, लोक प्रज्ञा के राज्य संयोजक डॉ सोमशुभ्र गुप्ता, राज्य मातृशक्ति की संयोजक श्रीमती सुतपा बसाक, डॉ. रमन त्रिवेदी, डॉ. स्वरूप प्रसाद घोष, दुर्गापुर एनआईटी के डॉ. कमल भट्टाचार्य, प्रज्ञा प्रवाह के पूर्व क्षेत्र संपर्क प्रमुख डॉ. आनंद पांडेय आदि थे।
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