बिहार जिहादी तत्वों के लिए सुरक्षित स्थल बनता जा रहा है। इसका एक और प्रमाण है मरगूब अहमद दानिश, जो जिहादी तत्वों को एक साथ लाने में जुटा था।
पटना हवाई अड्डे से सटा हुआ एक स्थान है—फुलवारीशरीफ। यह जिहादी तत्वों का अड्डा बन चुका है। बिहार में कहीं भी बम फटता है, या अन्य आतंकी हरकतें होती हैं, उन सबकी रूपरेखा फुलवारीशरीफ में ही बनती है। यह एक नहीं, अनेक बार सिद्ध हो चुका है। फुलवारीशरीफ से जुड़े एक मामले की जांच से यह बात एक बार फिर से सामने आई है।
उल्लेखनीय है कि जुलाई, 2022 में जांच एजेंसी एनआईए की टीम ने मरगूब अहमद दानिश को गिरफ्तार किया था। मरगूब ‘गजवा—ए—हिंद’ के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप चलाता था। इसके जरिए वह भारत सहित पाकिस्तान और यमन के भी जिहादी तत्वों के संपर्क में रहता था। यही नहीं, इस ग्रुप के माध्यम से वह जिहादी तत्वों को भारत के विरुद्ध भड़काता था। वह यह सब इसलिए करता था, ताकि भारत को एक दिन इस्लामी राज्य बनाया जा सके।
उसके इस ग्रुप की जानकारी मिलने पर एनआईए ने लंबी जांच की। जांच में पाया गया कि मरगूब अहमद दानिश देश—विरोधी हरकतों में शामिल रहता था। वह मुस्लिम युवाओं को मजहब और जाति के नाम पर बरगलाता था।
अब इस जांच एजेंसी ने एनआईए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा के न्यायालय में मरगूब अहमद दानिश के विरुद्ध एक आरोपपत्र जमा किया है।
बता दें कि इस मामले में फुलवारीशरीफ थाने में 15 जुलाई, 2022 को मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए ने भी 22 जुलाई, 2022 को एक विशेष मामला दर्ज किया था। इसके बाद एनआईए ने इसकी जांच की और अब मरगूब का वह असली चेहरा सामने आ गया है, जो भारत को इस्लामी राज्य बनाने का सपना देखता था।
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