महाराजगंज। नेपाल की काली गंडकी नदी में शालिग्राम शिलाओं को ढूंढ़ा जा रहा है। इन्हीं पत्थरों से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बनाई जानी है। इन पत्थरों के निरीक्षण के लिए अयोध्या के गुरु राजेश सिंह पंकज भी पोखरा पहुंच गये हैं। गंडकी नदी क्षेत्र के बेनी से उत्तर गलेश्वर धाम तक लगभग तीन किलोमीटर क्षेत्र में इन शालिग्राम पत्थरों की खोज जारी है। इसकी अगुआई नेपाल के पाषाण अध्ययन, उत्खनन के सदस्य कुलराज चालीसे कर रहे हैं।
दरअसल, नेपाल के पूर्व मंत्रिमंडल की ओर से यूपी सरकार को चिट्ठी लिख कर अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर मुहैया कराने की मंशा जताई थी। अब इन पत्थरों को ढूंढ़ने का कार्य शुरू हो गया है। इन पत्थरों से ही श्रीरामजन्म भूमि पर बन रहे मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान श्रीराम के मूर्ति का निर्माण होगा।
जानकी मंदिर से अयोध्या भेजे जाएंगे पत्थर
यह शिला जनकपुर स्थित जानकी मंदिर से भारत भेजी जाएगी। उल्लेखनीय है कि नेपाल के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने भारत से आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए मंत्री परिषद को यह प्रस्ताव दिया था। अब इन पत्थरों को नेपाल के गंडकी नदी स्थित बेनी से उत्तर गलेश्वर धाम तक लगभग तीन किलोमीटर क्षेत्र में ढूंढा जा रहा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
पाषाण अध्ययन, उत्खनन के सदस्य कुलराज चालीसे ने बताया कि गंडकी नदी से पवित्र शिलाओं को निकालकर जनकपुर के राम-जानकी मंदिर में इकट्ठा किया जाएगा। अयोध्या से पोखरा पहुंचे गुरु राजेश इनका निरीक्षण भी कर रहे हैं। शिला अयोध्या जानी है।
बेनी नगर पालिका के प्रमुख सूरत केसी का कहना है कि शिला को ढूंढने का कार्य चल रहा है। इसका अध्यात्मिक महत्व है। नदी में रणराम, राजराजेश्वर, अनंत, सुदर्शन, मधुसूदन, हयग्रीव, नरसिंह, वासुदेव, प्रदुमन, संकर्षण, अनिरुद्ध, ठाकुरजी की आकृति वाला शालिग्राम मिलता है। इनमें भगवान विष्णु का वास होता है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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