सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 50,000 लोगों को रातोंरात नहीं उजाड़ा जा सकता है। 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए। इस मामले में समाधान की जरूरत है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 फरवरी की तारीख तय की है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार, रेलवे समेत सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। pic.twitter.com/SBK7BY7Y5x
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 5, 2023
बता दें कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की जमीन पर अवैध रूप से काबिज चार हजार से ज्यादा परिवारों को नैनाताल हाई कोर्ट ने हटने का आदेश जारी किया था। इसके लिए रेलवे प्रशासन और उत्तराखंड सरकार आगामी दस तारीख से इस क्षेत्र में अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई करने वाला था।
इसी बीच हल्द्वानी के कांग्रेस के विधायक सुमित हृदयेश और उनके साथ दस अन्य लोग उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे। उन्होंने अतिक्रमण को हटाने पर रोक लगाने और काबिज लोगों को कहीं और बसाने के लिए प्रार्थना पत्र अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की अगुवाई में दिया गया था। जिस पर आज सुनवाई हुई है।
गौरतलब है कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण चालीस से पचास साल पुराना बताया जाता है। यहां चिन्हित 4365 परिवारों की करीब 15 हजार आबादी अवैध रूप से बसी हुई है।
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