राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव ने कहा कि बाबू कल्याण सिंह न होते तो अयोध्या में श्री राम लला के मंदिर का सपना सिर्फ सपना रह जाता। जन्मभूमि के स्थल पर जो कलंक खड़ा था उसे मिटाने का कार्य कल्याण सिंह ने किया। वह बुधवार को लखनऊ में स्व. कल्याण सिंह की 91वीं जयंती की पूर्व संध्या पर नगर मुख्यालय के समक्ष आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ नगर निगम की तरफ से किया गया। जिसमे मेयर संयुक्ता भाटिया ने सभी आगंतुक अथितियों को अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस संगोष्ठी में राम माधव ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री तक कुल 8 प्रधानमंत्री दिए हैं । उत्तर प्रदेश की जनता नेताओं को बढाते और कुछ को भगाते भी हैं, जिन्हें भगाते हैं उनको केरल तक भागना पड़ता है। देश में आदि शंकराचार्य जी, सरदार पटेल जी ने भारत जोड़ो का अभिनव कार्य किया है। उपस्थित जन समुदाय में से कोई बाबूजी हो सकते हैं या कोई बाबाजी भी हो सकते हैं इसलिए संभव हो पाया क्योंकि कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे स्वर्गीय कल्याण सिंह अमर रहेंगे। उनके त्याग और तपस्या, सुशासन और प्रशासन को भी हमेशा याद किया जाएगा। सुशासन लाने की पहल उत्तर प्रदेश में बाबूजी ने किया। शांति और सुरक्षा की व्यवस्था वर्तमान में बाबा जी की सरकार में भी व्यवस्थित है बाबूजी के राज में गुंडा बदमाश बिल में रहते थे। नकल अध्यादेश दृढ़ता के साथ निवर्तमान शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सहयोग से लागू किया गया था।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब बाबूजी राजस्थान में राज्यपाल थे तो एक-एक कार्यकर्ता जो भी उनके पास गए अपने कक्ष में बुलाकर सबसे मिलते थे। उनके सहज भाव से आज भी हम सभी अभिभूत है। श्री राम लला के भव्य मंदिर के आधार तत्व श्रद्धेय कल्याण सिंह ही रहे।
श्रद्धेय कल्याण सिंह सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने बताया कि अयोध्या के वैभव के लिए श्रद्धेय कल्याण सिंह जी ने सत्ता का परित्याग कर दिया था। *”जो त्यागे सो बड़ा, जो भोगे सो छोटा।।”* यही भारत के परम वैभव का कल्याण मार्ग है। इस सूक्त को श्रद्धेय कल्याण सिंह ने चरितार्थ किया ।
बता दें की लखनऊ नगर निगम की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की 91वीं जयंती की पूर्व संध्या पर नगर मुख्यालय के समक्ष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे मेयर संयुक्ता भाटिया ने सभी आगंतुक अथितियों का अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया. इस अवसर पर पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर, केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर, उप्र सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री संजय निषाद, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह, एमएलसी रामचन्द्र प्रधान, एमएलसी अविनाश सिंह, एमएलसी मुकेश शर्मा, सरोजनीनगर विधायक राजेश्वर सिंह व गोपाल टण्डन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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