हजारीबाग में नव वर्ष की पार्टी के नाम पर पहले लोगों को शराब पिलाई गई, फिर गोमांस खिलाया गया, वहीं साहिबगंज में पांच मुसलमानों ने चंदन रविदस के मुंह में गोमांस ठूंस दिया।
इस समय झारखंड में जिहादी तत्वों का दुस्साहस इस कदर बढ़ा हुआ है कि मुसलमान—बहुल इलाकों में हिंदुओं के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार हो रहा है। हजारीबाग और साहिबंगज में ऐसी ही घटनाएं हुई हैं। पहले हजारीबाग जिले की बात करते हैं। यहां के बरही प्रखंड में दुलमाहा एक पंचायत है। यह वही दुलमाहा पंचायत जहां पिछले वर्ष 6 फरवरी को सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने 17 वर्षीय रुपेश पांडे की पीट—पीट कर हत्या कर दी थी। इसके तहत एक गांव है बरियट्ठा। इसी गांव के मनोज बिरहोर के दिए गए आवेदन के अनुसार 30 दिसंबर, 2022 को बरियट्ठा के बिरहोर टोले में खलील मियां एक गाय लेकर आया। उसने उस गाय को राजेश बिरहोर के घर के बाहर बांध दिया। इसके बाद उसने आसपास के लोगों से कहा कि आज रात वह नए साल पर दावत दे रहा है। रात में लोग जमा हुए और दावत शुरू हो गई। पहले लोगों को जमकर शराब पिलाई गई और उसके बाद चावल और मांस परोसा गया। लोग खाना भी खाने लगे। इसी दौरान मांस के बड़े-बड़े टुकड़े मिले। इसके बाद लोग समझ गए, यह गोमांस है। खलील की इस हरकत का लोगों ने विरोध किया तो वह उल्टा उन्हें ही धमकाने लगा। खलील ने कहा कि अब गाय खाने वाले सभी लोग मुस्लिम बन चुके हैं और अब उन लोगों को नमाज पढ़नी होगी। इसके साथ उसने सभी लोगों से कहा कि मस्जिद में जाएं, वहां उन्हें पैसे भी दिए जाएंगे। उसने उन लोगों का जान से मारने की धमकी भी दी, जिन्होंने उसकी बात मानने से साफ मना कर दिया। इस कारण गांव के हिंदू डर गए और तीन दिन तक किसी को इसकी जानकारी भी नहीं दी।
इसके बाद गांव के मनोज बिरहोर ने हिम्मत दिखाई और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों को इसकी जानकारी दी। हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों का साथ मिलने पर मनोज ने बरही थाने में एक आवेदन देकर घटना की पूरी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने खलील मियां को जेल भेज दिया है।
क्या पुलिस अपराधियों को बचाना चाहती है ?
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा के सामने हिंदुओं ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए मदद की गुहार लगाई है। इसके बाद जब वहां पुलिस पहुंचती है तो अचानक सभी लोग अपनी बात से पलट जाते हैं। इसके बाद पुलिस भी आवेदन देने वाले मनोज बिरहोर पर ही सवाल उठाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस के डर से कोई व्यक्ति मांस खाने की बात स्वीकार नहीं कर रहा है। लोग पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी नजीर अख्तर पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं।
इस मामले में विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री गुरुदेव गुप्ता ने बताया कि आसपास के क्षेत्र मुस्लिम—बहुल होने के कारण हिंदुओं के लिए जीना मुश्किल होता जा रहा है। यहां पहले भी कई बार इन मुसलमानों ने हिंदुओं के कार्यक्रम को बाधित किया है।
क्या है साहिबगंज का मामला?
हजारीबाग जैसी घटना साहिबगंज जिले में भी देखने को मिली। जानकारी के अनुसार यहां के राधानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक स्थान पर 31 दिसंबर की रात को 5 मुसलमान लड़के शराब और गोमांस खा रहे थे। इसी बीच वहां से गुजर रहे चंदन रविदास को इन लड़कों ने पकड़ लिया। इन लोगों ने उसे जबरन शराब पिलाई और मुंह में गोमांस ठूंस दिया। चंदन ने जब विरोध किया तो उसे जमकर पीटा गया। घटना की लिखित शिकायत पुलिस से की गई है। इस घटना में शामिल सभी लोग फरार हैं।
यह तुष्टीकरण का ही परिणाम : रघुवर दास
इन घटनाओं पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि यह तुष्टीकरण का ही परिणाम है। साहिबगंज हो या बरही हेमंत सरकार में तालिबानी मानसिकता वाले लोगों का दुस्साहस काफी बढ़ चुका है। उन्होंने इसे संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग बताया। उन्होंने कहा कि यह सब घुसपैठियों को हेमंत सरकार से मिले मौन समर्थन के कारण ही हो रहा है। अभी भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी।
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