पाकिस्तान के कथित चीनी कब्जे वाले बंदरगाह शहर ग्वादर में चीन विरोधी प्रदर्शन कर रहे करीब 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का समाचार है। वहां सरकार ने ऐसी सख्ती अपनाई हुई है कि लगातार पांचवे दिन भी मोबाइल सेवाएं ठप रखी गई हैं। कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस की भारी तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, शहर में धारा 144 लगाकर पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है।
बंदरगाह ग्वादर में चीन के कथित कब्जे के विरोध में कई दिनों से प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका विरोध असल में चीन की सरपरस्ती में चल रही ग्वादर परियोजना और वहां रहने वाले 500 से ज्यादा चीनियों को लेकर है। इसी को देखते हुए सरकार ने वहां सख्त रवैया अपनाना शुरू किया है। वहां पुलिस की बनाई गईं ‘बेवजह की जांच चौकियों’ के विरुद्ध लोग सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसी सिलसिले में वहां का कारोबार ठप पड़ा है, बाजार और दुकानें बंद हैं। यह ताजा जानकारी पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, ग्वादर तथा आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई थी। शहर में कानून व्यवस्था बना रहे इसके नाम पर पुलिस का जबरदस्त अमला तैनात किया गया है। रिपोर्ट बताती है कि स्थानीय सरकार ने ग्वादर में हथियारों के साथ प्रदर्शन करने पर पाबंदी लगा दी है।
उधर गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में लोग पाकिस्तान सेना के विरोध में उतरे हुए हैं। वे नारे लगाकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। स्थानीय नागरिक सेना की जबरदस्ती और मनमानी से गुस्से में हैं। लेकिन प्रांत की सरकार भी प्रदर्शनकारियों पर सख्त कदम उठा रही है। प्रतिबंधों के नाम पर वहां आपातकालीन कानून लागू कर दिया गया है। द डॉन में छपी खबर बताती है कि ग्वादर में धारा 144 लागू किए जाने के अगले दिन ही 100 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है।
गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में लोग पाकिस्तान सेना के विरोध में उतरे हुए हैं। वे नारे लगाकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। स्थानीय नागरिक सेना की जबरदस्ती और मनमानी से गुस्से में हैं। लेकिन प्रांत की सरकार भी प्रदर्शनकारियों पर सख्त कदम उठा रही है।
बलूचिस्तान में प्रांतीय सरकार के गृह विभाग का बयान कहता है, ‘ग्वादर में सभी तरह की रैलियों आदि के साथ ही पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई जाती है। यहां बता दें कि ग्वादर में धारा 144 लागू होने के बाद भी ‘हक दो तहरीक’ के कार्यकर्ता और समर्थक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। अब उनकी मांग है कि पकड़े गए कार्यकर्ताओं को फौरन रिहा किया जाए।
कई स्थानों पर तहरीक के समर्थकों की सुरक्षाबलों से संघर्ष भी हुआ है। बंदरगाह के इस शहर में तनाव पैदा हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने मकरान डिवीजन को अन्य जिलों से जोड़ते मुख्य राजमार्ग को जाम कर दिया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांत की सरकार ने जमाते-इस्लामी के नेता लियाकत बलूच से बात की थी, जिससे कि हालात पर काबू पाया जा सके। बताया जाता है कि स्थानीय लोगों की शिकायतों पर संभवत: सरकार कोई कदम उठाए। अगर ऐसा नहीं होता तो, क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने के आसार कम ही हैं।
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