पुरेला उत्तरकाशी में मतांतरण का एक और मामला सामने आया है। जिसके बाद उत्तराखंड विहिप ने खुलकर चर्च से चलने वाली ईसाई मिशनरियों पर मतांतरण कराने के आरोप लगाते हुए, राज्य सरकार से इनकी गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
देहरादून में डोईवाला चर्च के पादरियों के द्वारा मतांतरण कराने के मामले में विश्व हिंदू परिषद के जिलामंत्री एके सिंह और बजरंग दल के विभाग संयोजक नवीन तेजेश्वर की ओर से शिकायत पुलिस में दर्ज की गई है। बताया गया है कि पादरी थामस मैसी, टॉमस मैसी और रोकी थॉमस आदि क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर व बेसहारा लोगों को लालच देकर मतांतरण करा रहे हैं, और इनका कार्यक्षेत्र गंगा किनारे बसी मजदूर बस्तियां हैं जिन्हें काबिज लोगों को ये बरगला रहे हैं।
राजधानी देहरादून से लगे डोईवाला क्षेत्र में तीन पादरियों पर कन्वर्जन कराने का आरोप लगा है। आरोप है कि पिछले कुछ महीनों से इन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को धन का लालच दिया और उनका मतांतरण कराया है। इन पादरियों के नेतृत्व में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर डोईवाला में बिना अनुमति के एक कैंडल मार्च भी निकाला गया था।
चर्च के पादरियों पर लगे आरोपों के आधार पर पुलिस ने फिलहाल धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, इस मामले में कन्वर्जन किए जाने की पुष्टि नहीं हो पाई है।
एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया कि 25 दिसंबर को तहरीर के आधार पर आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि धर्म परिवर्तन की पुष्टि होती है तो धाराएं बढ़ाकर नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र के गांव में कुछ लोगों का मतांतरण कराया गया था। इस मामले में मसूरी के पादरी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
जिन लोगों के मतांतरण की बात सामने आई है, उनमें से अभी कोई सामने नहीं आया है। पुलिस लगातार लोगों से बातचीत और पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार, यदि लोगों की धार्मिक पहचान बदली गई है और वास्तव में मतांतरण हुआ है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हिंदू संगठन के लोगों का कहना है कि इन लोगों ने लालतप्पड़ क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कब्जाकर अवैध रूप से चर्च का निर्माण किया है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं। पुलिस ने इस आधार पर मामले में जमीन कब्जा करने की धाराएं भी लगाई हैं।
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