मध्य प्रदेश में शिक्षा संस्थानों एवं सेवा प्रकल्पों का उपयोग ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण के लिए किए जाने की शिकायतें लम्बे समय से आ रही हैं। भोपाल, बैतूल, इंदौर, छिंदबाड़ा समेत राज्य का शायद ही कोई जिला हो, जहां से शिकायत नहीं आई हो । मिशनरी संस्थानों को लेकर सिर्फ मतान्तरण ही क्यों ? अब चर्च के लैंड स्कैम मामले समेत अन्य प्रकरण भी सामने आ रहे हैं।
बपतिस्मा करा कर कहा जा रहा अब तुम हिंदू नहीं रहे
प्रदेश में ईसाई मतान्तरण के लगातार ऐसे अनेक केस हैं, जिसमें कि ईसाई बनाने के पूर्व जो विधि अपनाई जा रही है उसमें पहले महिलाओं का सिंदूर मिटाना, मंगलसूत्र निकलवाना, देवताओं के फोटो पानी में डालवाकर और पादरी द्वारा बोला जाता है कि बपतिस्मा हो गया, अब तुम हिंदू नहीं रहे। कन्वर्जन के चक्रव्यूह में फंसी दमोह के भैरव बहर गांव की उमा अहिरवार (36) की तरह न जानें कितने लोग हैं जिनकी कि रोज जिन्दगी में ये कहानी घट रही है।
ताजा मामले में ईसाई मत की दीक्षा देने में लिप्त दमोह के मिशनरी माफिया अजय लाल का एक संस्थान के नाम पर लिए गए लायसेंस से दो चिल्ड्रन होम चलाए जाना पाया गया है। जिसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और राज्य बाल आयोग ने इस पर गहरी जांच करने की बात कही है। इससे पहले राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने आधार शिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ. अजय लाल सहित 10 लोगों के खिलाफ देहात थाना में धर्मांतरण की एफआईआर दर्ज करवाई थी।
कन्वर्जन के साथ मानव तस्करी भी ध्यान में आई
राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने यहां पर औचक निरीक्षण में पाया था कि धर्मांतरण के साथ यहां मानव तस्करी भी की जा रही है। उन्हें इसके सबूत मिले । एनसीपीसीआर ने अजय लाल की आधारशिला बालगृह (बालक/बालिका) के निरीक्षण में पाया कि यहां रहने वाले बच्चों को ईसाई धर्म प्रक्रियाओं में शामिल किया जा रहा है, बच्चों को ईसाई धर्म का नाम देकर उनका भी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार छीना जा रहा जो की मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम ( मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऑर्डिनेंस ) एवं किशोर न्याय अधिनियम (किशोर न्याय अधिनियम) के प्रावधानों का उल्लंघन है।
मध्यप्रदेश में दमोह के मिशनरी माफ़िया अजय लाल से सम्बंधित संस्थाओं की गड़बड़ियों की जाँच चल रही है।इसी दौरान एक नया मामला प्रकाश में आया है कि एक ही लायसेंस पर दो चिल्ड्रन होम चलाए जा रहे थे।
ये अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही है,दोषी अधिकारियों पर भी कार्यवाही होगी।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) December 29, 2022
इसी प्रकार से यहां की एक अन्य ईसाई संस्थान में सामने आया था कि बाइबिल सोसायटी में डिंडोरी का एक नाबालिक लड़के को नरेंद्र बघेल नामक व्यक्ति ने हेनरी के यहां भेजा था और पादरी बनने की शिक्षा दी जा रही थी। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष कानूनगो का कहना था कि यहां नाबालिक बच्चों को बहला फुसलाकर लाया जाना मानव तस्करी जैसा प्रतीत होता है जिसकी जांच के लिए तत्कालीन समय में तुरंत ही निर्देश दे दिए गए थे ।
उन्होंने बताया कि भिड़ावारी में स्थित ”मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन” के बाल गृह में हिंदू बच्चों को संस्था द्वारा क्रिश्चियन मत की शिक्षा दी जा रही है, बच्चों को कमरे में बंद करके रखा गया और संस्थान का पंजीयन भी नहीं मिला, इसके अलावा संस्थान की वेबसाइट की पड़ताल की तो पता चला की संस्था एवेंजीलीकल गतिविधियों का संचालन करती है जो खुलेआम अपनी वेबसाइट पर घोषणा भी कर रही है कि वह दूसरे धर्म के बच्चों को अपनी संस्था में रखकर कन्वर्जन का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा बच्चों को उनके धर्म के अलावा दूसरे धर्म की शिक्षा दी जाना भारतीय संविधान और मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।
मिशनरी माफ़िया अजय लाल की संस्थाओं में चल रही जाँच
अब नए खुलासे में सामने आया है कि दमोह का यह मिशनरी माफ़िया अजय लाल एक लायसेंस पर दो चिल्ड्रन होम चला रहा है। एक बच्चियों के लिए संचालित है तो दूसरा लड़कों के लिए यह चला रहा है। जबकि इसके पास सिर्फ लाइसेंस आधारशिला संस्थान बालिका गृह चलाने का है लेकिन यह बालकों के लिए भी अलग छात्रावास चलाता पाया गया । ऐसे में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट भी किया है ”मध्यप्रदेश में दमोह के मिशनरी माफ़िया अजय लाल से सम्बंधित संस्थाओं की गड़बड़ियों की जाँच चल रही है। इसी दौरान एक नया मामला प्रकाश में आया है कि एक ही लायसेंस पर दो चिल्ड्रन होम चलाए जा रहे थे। ये अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही है,दोषी अधिकारियों पर भी कार्यवाही होगी।”
उल्लेखनीय है कि इसी तरह के अन्य मामलों में हाल ही में चर्च लैंड स्कैम मामले से लेकर अन्य भ्रष्टाचार, मतान्तरण में लिप्त जबलपुर के क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी के प्रमुख पीसी सिंह को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के छिंदवाड़ा, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ में धर्मांतरण का मामला संज्ञान में आया है, यहां पर बकायदा तंबू लगाकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। भोपाल के बैरागढ़ में क्राइस्ट मेमोरियल स्कूल में धर्मांतरण से लेकर शिवनगर में चोरी छिपे हिंदू धर्म के लोग क्रिश्चियन धर्म की प्रार्थना करते पाए गए। दरअसल ऐसे अनेक मामले मध्य प्रदेश में हर रोज प्रकाश में आ रहे हैं।
इनका कहना है-
मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया गया है। धर्मांतरण समेत कई भ्रष्टाचार के मामले में निकल रहे हैं। इसलिए पूरे मामले को लेकर जांच चल रही है। पुलिस प्रशासन को इसके संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं। आगे जो और भी जरूरी होगा वह हम करेंगे।
आयोग की अन्य सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही राजधानी भोपाल में ईसाई मिशनरी के लोग बड़ी संख्या में लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हुए पाए जाने की शिकायत हमारे संज्ञान में लाई गई थी। शिवनगर से जुड़े मामले में आयोग ने अपनी ओर से जो आवश्यक था, वह किया। आगे यदि ऐसे कोई भी प्रकरण सामने आते हैं तो हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज जी की सरकार ने राज्य में सख्त कानून बनाया है । इस कानून के मुताबिक किसी को प्रलोभन देकर, धमकाकर अथवा शादी के नाम पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से धर्म परिवर्तन कराना अपराध है । इसके लिए अधिकतम 10 वर्ष की कैद और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे में राज्य बाल आयोग सजग है। प्रदेश में इस प्रकार की कोई भी बालकों से जुड़ी गतिविधि पाई जाती है तो बाल आयोग उसे तुरन्त ही अपने संज्ञान में लेता है।
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