भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का शुक्रवार सुबह रुड़की के पास भयावह एक्सीडेंट हो गया। इस दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पंत की कार का दिल्ली से घर लौटते समय हादसा हुआ है। गंभीर रूप से घायल पंत को पहले रुड़की स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम उनका उपचार कर रही है।
हरियाणा रोडवेज के चालक परिचालक ने बचाई जान
जिस समय पंत के साथ हादसा हुआ उस समय समबसे पहले हरियाणा रोडवेज के पानीपत डिपो के चालक सुशील कुमार व परिचालक परमजीत नैन ने अन्य यात्रियों के साथ मिलकर ऋषभ पंत की जान बचाई। घटनाक्रम के बारे में बताते हुए ड्राइवर सुशील ने बताया कि हम हरिद्वार से आ रहे थे, मैं हरियाणा रोडवेज में बस ड्राइवर हूं। हम 4.25 मिनट पर हरिद्वार से चले थे, जैसे ही हम नारसन के पास पहुंचे 200 मीटर पहले मैंने देखा दिल्ली की तरफ से एक कार 60-70 की स्पीड में आई। वो डिवाइडर से टकराकर पलटती हुई हरिद्वार साइड में आ गई।
मैंने सोचा अब तो ये हमारी बस से टकराएगी और हमें कोई बचा नहीं सकता. हम मरेंगे. मेरे पास 50 मीटर का फासला था तभी मैंने सर्विस लेन से निकालकर फर्स्ट लाइन में बस डाल दी। वो गाड़ी दूसरी लाइन में निकल गई, गाड़ी के शीशे टूट गए थे, मैंने तुरंत ब्रेक लगाए और खिड़की से कूदकर भागा।
मैंने देखा वो व्यक्ति कार से आधा बाहर था। मैंने उसका हाथ पकड़ रखा था, तभी कंडक्टर भी साथ आ गया, हमने उसे बाहर लिटा दिया। मैंने देखा कार में आग लगनी शुरू हो गई थी, मैं कार की तरफ गया और देखने लगा कि कोई और तो नहीं है। मैंने उनसे पूछा भाई साहब कार के अंदर कोई और भी व्यक्ति है क्या ? उन्होंने कहा कि मैं अकेला ही था, बाद में उन्होंने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं, क्योंकि मैं क्रिकेट का शौकीन नहीं हूं तो ज्यादा जानता नहीं, लेकिन कंडक्टर ने कहा कि ये भारतीय क्रिकेटर है।
जब हमने उन्हें साइड में डिवाइडर पर लिटाया था तब उनके तन पर कपड़े नहीं थे। हमने अपने एक यात्री से लेकर उसे चादर दी, उन्होंने बाद में कहा कि मेरे पैसे हैं कार में, हमने आसपास रोड पर जितने भी पैसे बिखरे थे उन्हें सात-आठ हजार रुपये इकट्ठा करके उनके हाथ में दे दिए।
तब वो एंबुलेंस में बैठे थे, कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन कर दिया था, मैंने पुलिस को और नेशनल हाईवे को फोन किया था. नेशनल हाईवे से कोई जवाब नहीं आया. एंबुलेंस आ गई थी 15 मिनट बाद. उसके पूरे चेहरे पर खून था। हड़बड़ाए हुए थे, कमर छिली हुई थी. पैर से लंगड़ा रहे थे।
फिलहाल खतरे से बाहर हैं ऋषभ पंत
मैक्स अस्पताल के डॉक्टर आशीष याग्निक ने पंत की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ऋषभ पंत को बहुत गंभीर चोटें नहीं आई हैं। अभी फिलहाल डॉक्टरों की पूरी टीम उनका चेकअप कर रही है। पैर और कमर में चोट है, जिसको लेकर पूरा ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
डॉक्टर याग्निक ने यह भी बताया कि ऋषभ पंत फिलहाल खतरे से बाहर हैं। वह पूरी तरह से बातचीत कर रहे हैं और डॉक्टरों की पूरी टीम उनका चेकअप करने के बाद ही आगे की जानकारी देगी।
नहीं लुटे गए पैसे, पुलिस ने किया खंडन
जहां एक तरफ हर कोई इस घटना से सकते में था, तो इसी बीच एक ऐसी ‘खबर’ आई, जिसे जानकर हर किसी को गुस्सा आ गया। ये ‘खबर’ थी घायल ऋषभ पंत के सामान और पैसे चोरी होने की। जिसको लेकर पुलिस ने इसका खंडन किया है। उत्तराखंड पुलिस ने इस पर सफाई दी है और इसे पूरी तरह अफवाह और झूठा करार देते हुए बताया है कि ऋषभ पंत का सामान उनके परिवार को सौंप दिया गया है। हरिद्वार पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, पुलिस के बयान में आगे बताया गया है, हरिद्वार पुलिस ने ये सूटकेस और मौके से प्राप्त नगदी, ब्रेसलेट और चेन को ऋषभ पंत की माताश्री को अस्पताल में ऋषभ के सामने ही सुपुर्द किया।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने पंत के जल्द ठीक होने की कामना की
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सचिव जय शाह ने क्रिकेटर ऋषभ पंत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे विचार और प्रार्थना ऋषभ पंत के साथ हैं। मैंने उनके परिवार और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात की है। ऋषभ की हालत स्थिर है और उनका स्कैन चल रहा है। हम उनकी प्रगति पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान सुबह लगभग 5:30 बजे कोतवाली मंगलौर क्षेत्रांतर्गत मोहम्मदपुर जट के पास क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
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