एक सनसनीखेज रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान के कराची शहर में यौन शोषण के सबसे ज्यादा मामले प्रकाश में आए हैं। यहां ऐसे मामलों में अचानक से तेजी आई है। बताया गया है कि इस साल पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में 200 से ज्यादा यौन शोषण के मामले दर्ज किए गए। इनमें कम से कम छह मामले तो गत साढ़े तीन महीने में दर्ज हुए हैं।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट है कि अभी हाल में 13 दिसंबर को 6 साल की अफगानिस्तानी बच्ची के बलात्कार की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। उसे उसके घर के बाहर से कथित तौर पर अगवा करने के बाद इस दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था। और भी दुखद बात यह है कि बलात्कार के बाद उस बच्ची की हत्या कर दी गई थी। उसका शव बाद में एक सुनसान जगह से बरामद किया गया था।
इसी तरह, इससे पूर्व 8 दिसंबर को भी स्थानीय गुलशने-इकबाल इलाके में एक नाबालिग बच्ची के साथ एक आदमी ने बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी। इससे दो दिन पूर्व 6 दिसंबर को कराची के जैकब लाइन्स क्षेत्र में एक घर में 12 साल की बच्ची का बलात्कार हुआ और उस बच्ची की भी हत्या हुई थी। ऐसे ही 18 नवंबर को मुस्लिमाबाद क्षेत्र से खबर आई थी 7 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने की।
इस हैरतअंगेज रिपोर्ट में हर घटना का चौंकाने वाला ब्योरा है। 10 सितम्बर की एक घटना का उल्लेख है जिसमें महमूदाबाद थाना के अंतर्गत कश्मीर कॉलोनी में एक 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या की गई।
बलात्कार, यौन उत्पीड़न के साथ ही कराची जैसे बड़े शहर में नाबालिग बच्चियों की हत्या के मामले भी इस साल चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। कराची पुलिस के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि यौन दुर्व्यवहार के 216 मामलों में से आठ मामलों में पीड़िताओं की उम्र पांच साल थी, 40 मामलों में पीड़िता 6 से 10 साल के बीच की थीं। ऐसे ही 38 मामलों में आहत लड़कियों की उम्र 15 से 18 साल के बीच थी।
पुलिस का दावा है कि नाबालिग लड़कियों से बलात्कार और हत्या के लगभग सभी मामलों में संदिग्ध अपराधियों को पकड़ा गया है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर मामलों में दोषी करीबी रिश्तेदार अथवा पड़ोस में रहने वाले ही शामिल देखे गए हैं।
पाकिस्तान यूं भी महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के लिए दुनियाभर में कुख्यात है। एक गैर-सरकारी संस्था ‘वार अगेंस्ट रेप’ ने सरकार से ऐसे सभी मामलों की गहन जांच की मांग की है। इस संस्था के अनुसार, जुलाई तक देखने में आए यौन हिंसा के 42 मामलों में से 27 में पीड़ित 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे। इन पीड़ितों की औसत आयु लगभग 14 वर्ष है।
कुल मामलों में से 64 प्रतिशत बलात्कार के, 18 प्रतिशत सामूहिक बलात्कार के, 12 प्रतिशत दुराचार के तथा छह प्रतिशत मामले यौन आक्रमण के रहे हैं। पश्चिम जिला सबसे ज्यादा चिंताजनक रहा है जहां यौन हिंसा की 47 प्रतिशत घटनाएं देखने में आईं। इन मामलों में से कई तो पुलिस की लापरवाही अथवा देरी की वजह से हुए बताए गए हैं।
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