अमेरिका में आए जानलेवा बर्फीला तूफान अब दुनिया के अन्य देशों तक कहर बरपा रहा है। अमेरिका के बाद कनाडा, मैक्सिको, जापान और ऑस्ट्रिया तक बर्फीला तूफान जानलेवा और मुसीबत भरा साबित हो रहा है। अमेरिका में अब तक 60 लोगों की जान जा चुकी है और जापान में हिमपात की चपेट में आकर 17 लोग मारे गए हैं। मैक्सिको के कई शहरों की बिजली गुल है और ऑस्ट्रिया में बर्फ की मोटी चादर में कई लोग दब गए हैं।
अमेरिका में बर्फीले तूफान से करीब 20 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। न्यूयॉर्क और मोटाना जैसे शहर का तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे तक पहुंच गया है। अमेरिकी अधिकारी इसे सदी का भयावह तूफान बता रहे हैं। अमेरिका के लाखों घरों की बिजली गुल है, आवाजाही ठप है और चारों ओर बर्फ जमा है। आइओवा, विस्कोन्सिन, मिनेसोटा और मिशिगन में भी हालात खराब हैं। बफैलो सिटी में दृश्यता शून्य तक पहुंच चुकी है और एरी झील जम गयी है। न्यूयॉर्क के गवर्नर कैथी होचुल ने राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात कर उनसे मदद की गुहार लगाई है। पश्चिमी न्यूयॉर्क के इलाके 30 से 40 इंच मोटी बर्फ से ढके रहे। तूफान की वजह से सिएटल तक बिजली गुल रही। अटलांटा, शिकागो, डेनेवर, डेट्रॉयट और न्यूयॉर्क तक हवाई अड्डों का बुरा हाल है और हवाई यातायात ठप पड़ा हुआ है। खराब मौसम के कारण 15 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द की गयी हैं।
अमेरिका के अलावा आसपास के देश भी बर्फीले तूफान का दंश झेलने को विवश हैं। कनाडा में भी लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। यहां चार लोगों की जान जा चुकी है। मैक्सिको में तूफान कहर बरपा रहा है। यहां मरीजों तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रही है। मैक्सिको के कई शहरों में बिजली गुल है। जापान में भारी हिमपात के कारण राजमार्गों पर सैकड़ों वाहन फंसे हैं। हिमपात के कारण 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 90 से ज्यादा घायल हैं। जापान में घायलों में से कई छतों से बर्फ हटाते वक्त गिर गए या छतों से फिसलने वाली बर्फ की मोटी चादर के ढेर के नीचे दब गए। इस कारण भी वहां मृतक संख्या बढ़ रही है।
जापान में बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों से बर्फ हटाने के दौरान सावधानी बरतने और अकेले काम न करने की सलाह दी गयी है। उधर ऑस्ट्रिया में हिमस्खलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जुएर्स कस्बे के पास लोगों के बर्फ में दबे होने की आशंका है। पश्चिमी ऑस्ट्रिया में आए हिमस्खलन से खतरे को स्थानीय पर्वतीय बचाव सेवा ने ‘उच्च’ श्रेणी में रखा है। हिमस्खलन 2,700 मीटर ऊंचे पर्वत पर जुएर्स और लेच एम अर्लबर्ग के बीच हुआ, जहां दबे लोगों को बचाने में 200 बचावकर्मी लगाए गए हैं। ऑस्ट्रिया में इस कारण विमान सेवाएं भी ठप हो गयी हैं।
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