उत्तराखंड एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नेपाल, बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपठियों को उत्तराखंड का मूल निवासी बनाने के लिए उनके आधार कार्ड, वोटर आईडी बनाने का काम कर रहा था। एसटीएफ ने तीन लोगों को उनके कॉल सेंटर से ही दबोचा और उनके पास से नकली दस्तावेजों से जुड़ा सामान, प्रिंटर आदि बरामद किया है। कुछ समय पहले “पाञ्चजन्य” ने इस बारे में जानकारी दी थी कि हरिद्वार, ऋषिकेश में बड़े पैमाने में उत्तराखंड से बाहर के लोग आकर बस रहे हैं, जिनमें बांग्लादेशी, रोहिंग्या और नेपाली मूल के हैं। पुलिस अब ये जांच कर रही है कि इनके द्वारा किस-किस के कार्ड बनाए गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि देहरादून के ऋषिकेश थाना क्षेत्र में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा एक ऐसे आधार सेन्टर का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो अवैध तरीके से बगैर किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के लोगों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड व अन्य पहचान पत्र बना रहे थे। ऐसे लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिनके फर्जी वोटर कार्ड व आधार कार्ड बनाए गए हैं।
एसएसपी द्वारा बताया गया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि ऋषिकेश, देहरादून स्थित एक जन सेवा संस्थान द्वारा रुपये लेकर फर्जी कागजों के आधार पर अन्य देश/राज्य के निवासियों को उत्तराखण्ड का निवासी दिखाते हुए फर्जी आधार कार्ड, फर्जी वोटर आई. कार्ड तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाए जा रहे हैं, जो कि किसी भी व्यक्ति द्वारा राष्टविरोधी गतिविधियों के लिए, मोबाइल सिम क्रय करने या अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं।
उक्त सूचना को एसटीएफ द्वारा गंभीरता से लेते हुए गोपनीय जांच शुरू की गई तो पता चला कि फर्जी आधार और अन्य आईडी एक व्यक्ति लक्ष्मण सैनी द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बनाए जाते हैं, जो कि अपनी दुकान में सीएससी सेन्टर चलाता है। इस सूचना को पुख्ता करने के लिए एसटीएफ ने एक योजना बनाई, जिसके लिए कुछ दिन पूर्व एक नेपाली नागरिक दिलबहादुर (काल्पनिक नाम) को तैयार किया गया और उस नेपाली नागरिक को सीएससी, एपेटाईड सेन्टर, एम्स रोड, ऋषिकेश आधार कार्ड बनवाने भेजा गया, जहां पर सीएससी सेन्टर का मालिक लक्ष्मण कुमार सैनी 10 हजार रुपए में दिलबहादुर नेपाली नागरिक का फर्जी आधार कार्ड और फर्जी वोटर आईडी कार्ड किसी भी भारतीय/उत्तराखण्ड के वैध दस्तावेज के बिना बनाने के लिए तैयार हो गया।
इसके लिए एडवान्स में 3000 रुपये ले लिया और 26 फरवरी 2022 को वोटर कार्ड और कुछ दिनों बाद आधार कार्ड देने का वादा किया। फिर 26 दिसंबर 2022 को एसटीएफ द्वारा उक्त सीएससी सेन्टर में नेपाली नागरिक को भेजा गया तो अभियुक्त लक्ष्मण सैनी द्वारा पौड़ी के किसी गांव का वोटर कार्ड बना दिया गया था और आधार कार्ड के लिए फॉर्म भर दिया गया। फिर एसटीएफ द्वारा अचानक छापा मारकर उक्त आधार सेंटर में लक्ष्मण सिंह सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली न. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून के साथ दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया, जो इस गैर कानूनी कार्य में अभियुक्त लक्ष्मण सैनी के साथ काम कर रहे थे। इस सेंटर से 68 आधार कार्ड, 28 वोटर आईडी कार्ड (जिनमें 3 नेपाली नागरिक के भारतीय वोटर आईडी कार्ड है, जिनमें से एक फर्जी वोटर आईडी कार्ड गवाह दिलबहादुर का भी है) 17 पैन कार्ड, 7 आयुष्मान कार्ड बरामद हुए। एसटीएफ गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ करके पता कर रही है कि अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है।
आपको बता दें कि इस तरह की फर्जीवाड़े के जरिए अगर कोई अपनी पहचान बदल कर देहरादून राजधानी या हरिद्वार में रह रहा होगा तो कितना नुकसान हो सकता है इसकी गंभीरता समझ सकते हैं। एसटीएफ भी मानती है कि ये बेहद ही गंभीर मामला है, जिससे निपटना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि इस मामले की जांच में एसटीएफ काफी दिनों से जुटी है। इसलिए इस मामले की जांच गहराई से की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का विवरण:
1–लक्ष्मण सिंह सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली न. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून।
2–बाबू सैनी पुत्र छोटे लाल सैनी निवासी मीरानगर मार्ग गली न. 11 ऋषिकेश, वीरभद्र, देहरादून।
3–भरत सिंह उर्फ भरदे दमई पुत्र टीकाराम निवासी गेहतमा जिला रूकुम दाबिश ऑचल राफल, नेपाल, हाल निवासी धारीदेवी कलियासौढ।
आरोपियों के पास से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लैमिनेशन कवर (कार्ड), 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैनकार्ड, 7 आयुष्मान कार्ड, 1 स्टैम्प, 1 स्टैम्प पैड व 12,500 रुपये नकद के साथ इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया है।
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