उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मतांतरण के विरोध में सोमवार को पुरोला नगर व्यापार मंडल की ओर से क्षेत्र में बाजार बंद रखा गया। इस दौरान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे। वहीं, व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रर्शन किया। प्रदर्शन में विभिन्न हिंदू संगठन और बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हुए। उधर, संशोधित धर्मांतरण कानून के तहत प्रदेश में पहला मामला दर्ज किया गया है।
कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस भी निकाला। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। इसके बाद प्रदर्शनकारी तहसील में धरना देने पहुंचे और सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। उन्होंने ग्रामीणों सहित कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का भी विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी न होने पर रवांई घाटी में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
बता दें कि 24 दिसंबर को मतांतरण कराने आए केरल के पादरी के साथ स्थानीय लोगों के विवाद के बाद हालात तनाव पूर्ण हो गए थे। पुलिस को हिंदू संगठनों ने अपनी तहरीर भी थी, परंतु पुलिस ने उल्टा हिंदू संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया, जिसके खिलाफ आज पुरेला में बाजार बंद रखा गया और पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। हालात को बिगड़ता देख पुलिस ने सोमवार को उत्तराखंड में पारित ने धर्मांतरण कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की है।
पुरेला में हालात अभी भी तनाव पूर्ण बने हुए हैं और हिंदू संगठनों से जुड़े लोग पादरी को जेल भेजे जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उल्लेखनीय है पुरेला में 24 तारीख को केरल के पादरी द्वारा यहां एक प्रार्थना सभा कर करीब 35 लोगों को ईसाई बनाया जा रहा था, जिसके बाद गांव और हिंदू संगठनों के लोगों ने वहां पहुंचकर विरोध किया था।
पुलिस ने दोनों ओर से मुकदमे दर्ज कर लिए थे। अब जांच के बाद धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज हुए मुकदमे में मसूरी के पादरी पेस्टर जेजारस कोर्निलियस और उनकी पत्नी पुष्पा कोर्निलियस का नाम भी शामिल कर लिया है। ये दोनो मूलतः केरल के रहने वाले हैं और मसूरी चर्च से यहां पिछले दो साल से आते रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये लंबे समय से मतांतरण के काम में लगे हुए हैं। पुलिस पादरी और उसकी पत्नी की तलाश में दबिश दे रही है।
टिप्पणियाँ