मालदीव में पिछले लंबे समय से भारत के विरुद्ध नफरत फैलाते आ रहे उस देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब 11 साल के लिए जेल की हवा खाएंगे। अब्दुल्ला को चीन का उजेंट बताया जाता है जिसके इशारे पर वह मालदीव में भारत के विरुद्ध माहौल बनाने में जुटे थे। वे अपने यहां सरकार पर लगातार दबाव बनाते आ रहे थे कि भारत से संबंध तोड़ ले। अदालत ने उन्हें धन शोधन के मामले में दोषी पाकर 11 साल जेल की सजा सुनाई है।
चीन के कथित एजेंट मालदीव के अब्दुल्ला यामीन को अदालत ने धन शोधन के अलावा भ्रष्टाचार का भी दोषी पाया है। सजा के अलावा यामीन पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। मामला यह है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन मालदीव सरकार के मालिकाना हक वाले एक द्वीप को पट्टे पर देने के बदले में रिश्वत खाने के दोषी ठहराए गए हैं। कट्टर भारत विरोधी यामीन 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे हैं।
साल 2019 में भी अब्दुल्ला यामीन को अदालत ने एक मामले में धन शोधन का दोषी पाया था। उस मामले में उन्हें पांच साल की कैद दी गई थी। परन्तु दो साल बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए कहा कि सबूत खरे नहीं उतर रहे थे। अत: दोष निर्णायक तौर पर साबित नहीं होता। यह साबित नहीं होता कि अब्दुला यामीन ने निजी लाभ के लिए सरकारी खजाने से 10 लाख डॉलर निकाले थे।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला चीन की कथित शह पर उस देश में भारत विरोधी अभियान के अगुआ हैं। इस साल मार्च में उन्होंने देश में अनेक स्थानों पर भारत के विरोधी प्रदर्शन किए थे। लेकिन वर्तमान सरकार पर इन प्रदर्शनों का कोई असर नहीं पड़ा और मालदीव के भारत से रिश्ते मधुर बने हुए हैं। दरअसल अब्दुल्ला यामीन चीन की कथित शह पर भारत और मालदीव के बीच हुए रक्षा समझौते के विरुद्ध माहौल बना रहे थे और यह समझौता खत्म कराने का अभियान छेड़े हुए थे।
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