उत्तर प्रदेश में एसटीएफ ने प्रतिबंधित दवाईयों बेचने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य भारत व अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों का डेटा डार्कवेब से प्राप्त कर रहे थे। वर्चुअल मनी (बिटकॉइन) के माध्यम से प्रतिबंधित दवाओं की खरीदी – बेची की जा रही थी। गैंग के 4 सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के कब्जे से प्रतिबंधित दवा बरामद की गई।
एसटीएफ ने फैजान खान, तौफीक, अशरफ खान एवं सार्थक वर्मा को गिरफ्तार किया। इस संबंध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों एवं फील्ड इकाईयों को आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेश दिया गया था। बता दें कि गत 7 सितंबर को प्रतिबंधित एवं नशीली दवाओं की खरीद फरोख्त करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को भारी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान दिनांक गत 24 दिसम्बर को ज्ञात हुआ कि जनपद लखनऊ के मदेयगंज थाना क्षेत्र में एक गैंग द्वारा प्रतिबंधित दवाओं को बेचा जा रहा है। इस गैंग का मुखिया फैजान अपने साथियों के साथ पक्के पुल खदरा से पुरनिया जाने वाले बन्धे पर दो मोटरसाइकिल के साथ 4 लोग मौजूद है, यदि जल्दी किया जाए तो पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के टीम ने उक्त स्थान पर पहुंच कर चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
फैजान ने बताया, “हम लोगों का प्रतिबंधित दवाओं को बेचने का एक अंतरराष्ट्रीय गैंग है। हम लोग इस व्यवसाय हेतु कस्टमर का डेटा डार्क वेब के माध्यम से प्राप्त करते हैं, जिसका पूरा काम सुमित कुमार शर्मा देखता है। हम लोग व्हाट्सअप व कॉल के माध्यम से कस्टमर से बात करके उनकी डिमाण्ड पूछते हैं और उनकी डिमाण्ड के हिसाब से दवाई को मंगवाकर, बिटकॉइन या पे-पाल के माध्यम से पैसा प्राप्त होने पर उन्हें कोरियर द्वारा दवा भेज देते हैं। हम लोग प्रतिबंधित दवाओं को चोरी से भारत सहित विश्व के कई देशों में ऑनलाइन बेचते हैं। हम लोगों को प्रति ऑर्डर अच्छा लाभ होता है।’ गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना मदेयगंज में अभियोग पंजीकृत कराया गया। अग्रिम विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
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