महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आरोप है कि उन्होंने उमेश कोल्हे हत्याकांड को दबाने का प्रयास किया।
काफी समय से भारत के लोग इस बात पर दंग हैं कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के पुत्र और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भयानक स्तर पर वैचारिक स्खलन हुआ है। जो बालासाहेब ठाकरे भारत विरोधी तत्वों के विरुद्ध खुलकर बोलते थे और उनके विरुद्ध कार्रवाई भी करते थे, उन्हीें के बेटे उद्धव ठाकरे पर आरोप लगे हैं कि वे देश—विरोधी ताकतों को बचाने के लिए पद का दुरुपयोग कर रहे थे। यह मामला जून, 2022 का है।
बता दें कि अमरावती में उमेश कोल्हे नामक एक दवा कारोबारी की हत्या हुई थी। उस समय उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। इस नाते उन्हें पुलिस से पुख्ता जानकारी मिली थी कि किन तत्वों ने उमेश की हत्या की है। अब उन पर आरोप है कि उन्होंने वहां की पुलिस आयुक्त आरती सिंह को फोन कर इस हत्याकांड की जांच लूट के उद्देश्य से हुई हत्या के रूप में करने के निर्देश दिए थे। यह आरोप अमरावती के विधायक रवि राणा ने लगाया है। रवि राणा ने 23 दिसंबर को विधानसभा में कहा, ”उद्धव ठाकरे ने एक स्थानीय कांग्रेसी नेता के कहने पर पुलिस को फोन करके उपरोक्त निर्देश दिए।” इसके साथ उन्होंने उद्धव की इस भूमिका की जांच के लिए एक एसआईटी बनाने की मांग की। इसके बाद मंत्री शंभूराज देसाई ने विधानसभा को बताया कि उद्धव ठाकरे पर लगे आरोप की जांच राज्य का गुप्तचर विभाग करेगा और 15 दिन के अंदर मुख्यमंत्री को अपनी रपट देगा। अब गुप्तवर विभाग की रपट में क्या होगा और क्या नहीं होगा,यह तो समय बताएगा, लेकिन इस आरोप से एक बात तो तय है कि उद्धव की रही—सही छवि भी धूमिल हो रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर तुष्टीकरण के भी कई आरोप लगे हैं।
बता दें कि उमेश कोल्हे की हत्या की जांच एनआईए कर रही है। एनआईए ने हाल ही में न्यायालय में एक आरोपपत्र जमा किया है। इसमें कहा गया है कि उमेश की हत्या तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने की है। उमेश कोल्हे ने भाजपा प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा का सोशल मीडिया में समर्थन किया था। इसलिए सभी आरोपियों ने साजिश रचकर उमेश की हत्या कर दी थी।
टिप्पणियाँ