मदरसा बोर्ड की एक बैठक में यह मांग की गई है कि मदरसों में शुक्रवार के बजाय अवकाश रविवार को घोषित किया जाए। इस मांग पर अन्य लोगों ने विरोध किया और कहा है कि शुक्रवार को ही अवकाश की व्यवस्था पहले से चली आ रही है। इस व्यवस्था को बदला जाएगा तो मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
मदरसा बोर्ड में नियमावली संशोधन के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में यह मांग की गई कि अब शुक्रवार के बजाय रविवार को अवकाश घोषित किया जाए क्योंकि सभी स्कूलों में रविवार को अवकाश रहता है। ऐसा करने से मदरसों एवं स्कूलों में एक जैसे अवकाश की व्यवस्था हो जाएगी। मगर इस मांग का बैठक में विरोध किया गया। वो लोग चाहते हैं कि अवकाश शुक्रवार को ही रहे। विरोध में यह कहा गया कि अगर शुक्रवार को मदरसा खोल दिया जाएगा तो मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को जुमे की नमाज पढ़ने एवं अन्य मजहबी कार्य में बाधा पड़ेगी।
ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास का कहना है कि मदरसा बोर्ड की बैठक में यह मांग की गई है कि मदरसों में अवकाश रविवार को किया जाए। यह मांग उचित नहीं है। शुक्रवार की जगह रविवार को अवकाश दिए जाने पर मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को असुविधा होगी। अगर मदरसे की छुट्टी रविवार को की जाएगी तो मदरसे और सरकारी स्कूल का फर्क खत्म हो जाएगा। मदरसे के वजूद को खत्म करने के लिए इस तरह की मांग की जा रही है।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने बताया कि कि अरबी फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन सेवा नियमावली 2016 में संशोधन के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में कुछ लोगों ने यह मांग की है. बैठक में किसी भी प्रकार की मांग उठाई जा सकती है, लेकिन इस तरह का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है और न ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया गया है।
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