हाल ही में भारत के पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में चीन के करीब 250 सैनिकों ने भारतीय सीमा का अतिक्रमण करने की जुर्रत की थी। भारत के जांबाज जवानों ने चीनियों के साथ हुई झड़प में दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे। दुनियाभर में चीन की शरारत और भारतीय जवानों की बहादुरी की खबरें छपीं। जबकि हमेशा की तरह चीन के सरकारी मीडिया ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया।
लेकिन तवांग सीमा के पास से लगातार मिल रही जानकारियां चीन के बर्ताव को शत्रुतापूर्ण ही दिखा रही हैं। चालाक ड्रैगन ने वहां न सिर्फ सैन्य ढांचे खड़े कर लिए हैं बल्कि लड़ाकू विमान तक तैनात किए हुए हैं। चीन ने पूर्वोत्तर सीमा के पास अपने कथित सैन्य हवाईअड्डे पर गतिविधियां बढ़ा दी हैं। लड़ाकू विमानों के अलावा वहां ड्रोन भी तैनात देखे गए हैं। बताते हैं, मैक्सार तकनीक से ली गईं उपग्रह तस्वीरों ने चीन की इन हरकतों का खुलासा किया है।
मीडिया में आए समाचारों से पता चलता है कि कम्युनिस्ट चीन ने बांगदा हवाईअड्डे पर अपना त्सेरिंग ड्रैगन ड्रोन तैनात कर रखा है। उपग्रह चित्र में इस ड्रोन को स्पष्ट देखा गया है। यह हवाईअड्डा अरुणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा में सिर्फ डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
गत 11 दिसंबर को अमेरिका के रक्षा विभाग की वेबसाइट ‘वॉरजोन’ पर उपग्रह तस्वीरें जारी की हैं। इनमें तिब्बत के शिगात्से पीस हवाईअड्डे पर चीन के दस लड़ाकू विमान तथा सात ड्रोन खड़े दिखते हैं। तिब्बत में न्यिंगची, शीगत्से तथा नागरी इलाकों में चीन के पांच हवाईअड्डे भारत-नेपाल सीमा से बिल्कुल सटकर बने हुए हैं। यही इलाका है जहां चीन ने गत वर्ष ल्हासा— न्यिंगची बुलेट रेलगाड़ी शुरू की थी। यह इलाका अरुणाचल प्रदेश से बहुत दूर नहीं है।
उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में विमानों के अलावा कई विमान खड़े करने के ढके हुए स्थान दिख रहे हैं। यहां तैनात ड्रोन त्सेरिंग ड्रैगन 2021 में तैनात किया गया था। ये मुख्यत: नजर रखने, जासूसी तथा हमला करने में प्रयोग किया जाता है। लगभग 10 घंटे की लगातार उड़ान क्षमता वाला यह ड्रोन क्रूज मिसाइल हमले में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन तैयारियों को देखते हुए लगता है, चीन ने भारत के पूर्वोत्तर में सीमा रेखा के निकट एक संजाल बुन लिया है। इस पर लगातार काम चल रहा है। संभवत: चीन की यह तैयारी पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा तैयारियों पर नजर रखने के लिए है।
गत 9 दिसम्बर को अरुणाचल प्रदेश में तवांग में हुई चीनी सैनिकों से मुठभेड़ के बाद ही, चीन के बांगदा हवाईअड्डे पर ये लड़ाकू विमान तैनात देखे गए थे। विशेषज्ञ मानते हैं कि तिब्बत के क्षेत्र में चीन की ऐसी तैयारी से भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। चीन चाहे जो भी कहता हो, उसकी बातों को सीधे—सीधे नहीं लिया जा सकता।
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