गत दिसंबर को हैदराबाद में द्वितीय ‘गोलकुंडा साहित्य महोत्सव’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर स्वधर्म, स्वाभिमान और स्वराज्य पर अनेक वक्ताओं ने विचार रखे। वक्ताओं में शामिल थे ‘समाचार भारती’ के अध्यक्ष गोपाल रेड्डी, ‘पाञ्चजन्य’ के संपादक हितेश शंकर, इतिहासकार प्रशांत पोल, लेखक आनंद राज वर्मा, प्रसिद्ध सर्जन डॉ. वमशा तिलक, लेखक डॉ. विद्या देवधर, लेखक डॉ. राहुल शास्त्री, डॉ. जोगेंद्र सिंह आदि।
कार्यक्रम का आयोजन हैदराबाद की मुक्ति के 75वें वर्ष में प्रवेश करने पर हुआ। बता दें कि 17 सितंबर, 1948 को हैदरबाद को निजाम से मुक्त कराया गया था। इस मुक्ति की खुशी में एक साल तक अनेक कार्यक्रम होंगे। गोलकुंडा साहित्य महोत्सव का आयोजन ‘समाचार भारती’ ने ‘इतिहास संकलन समिति’, ‘प्रज्ञा भारती’, ‘साहित्य परिषद’ जैसे संगठनों और ‘पाञ्चजन्य’, ‘विश्व संवाद केंद्र’, ‘जागृति’, ‘ऋतम’ जैसे मीडिया संस्थानों के सहयोग से किया।
महोत्सव में श्रीरंग गोडबोले की दो पुस्तकों ‘हैदराबाद निशस्त्र प्रतिरोध’ और ‘हैदराबाद निरायुधा प्रतिघातन’ के साथ ही प्रशांत पोल की पुस्तक ‘विनाश पर्व’ और कंडकुर्थी आनंद की पुस्तक ‘संत सेवालाल’ का विमोचन भी हुआ।
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