झारखंड के साहिबगंज से लव जिहाद का ऐसा मामला सामने आया है जो एक बार फिर से दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड की याद दिला रहा है। श्रद्धा के हत्यारे आफताब की तरह यहां भी दिलदार अंसारी ने 22 वर्ष की रुबिका की हत्या कर उसके शव के 18 टुकड़े कर दिए और अलग—अलग जगहों पर फेंक दिया। जानकारी के अनुसार बोरियो थाना क्षेत्र की रहने वाली रुबिका ने बेल टोला निवासी दिलदार अंसारी से तकरीबन 1 महीना पहले प्रेम विवाह किया था। रुबिका दिलदार की दूसरी पत्नी थी। इसी बात को लेकर रुबिका और दिलदार में काफी झगड़े होते थे। इसके साथ ही दिलदार का परिवार भी रुबिका से नफरत करता था। यही कारण था कि दिलदार उसे अपने घर में न रखकर किसी और जगह किराए के मकान में रखता था।
मामले का खुलासा 17 दिसंबर की शाम 6 बजे हुआ। यहां के मोमिन टोले में नवनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे ग्रामीणों ने रुबिका के एक पैर को कुत्तों द्वारा नोचते हुए देखा। इसके बाद ग्रामीणों ने बोरियो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन करते हुए एक बंद पड़े मकान में घुसी जहां से कई टुकड़ों में रुबिका का शव मिला। इसके साथ ही कुछ टुकड़े आसपास के क्षेत्र से बरामद किए गए। इसके बाद 18 दिसंबर की सुबह पुलिस ने कुछ और टुकड़े आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास से बरामद किए। हालांकि अब तक रुबिका का सिर नहीं मिल पाया है।
इस मामले में पुलिस ने दिलदार अंसारी के मामा मोइनुल अंसारी के पड़ोसी मैनुल अंसारी के घर से मृतका की चप्पल और कपड़े भी बरामद किए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि मैनुल अंसारी के फाजिल टोला स्थित आवास पर मोइनुल अंसारी ने रुबिका की हत्या की। उसके बाद लोहे काटने वाली मशीन से शव के कई टुकड़े कर फेंक दिए। जानकारी के अनुसार जिस किराए के मकान में रुबिका रह रही थी उसे वहां से दिलदार अंसारी की मां मरियम खातून अपने साथ ले गई और मोइनुल अंसारी के घर पहुंचाया।
इस मामले में पुलिस ने दिलदार अंसारी, उसके पिता मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी, उसकी मां मरियम खातून, दिलदार की पहली पत्नी गुलेरा, मुस्तकीम के दूसरे बेटे अमीर अंसारी, महताब अंसारी और शरेजा खातून को गिरफ्तार कर लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हत्या के पीछे लव जिहाद तो है ही, साथ ही इस मामले के तार देह व्यापार से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं।
साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा के अनुसार पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बोरियो में आदिम जनजाति की एक महिला का शव कई टुकड़ों में बरामद किया गया है। उसकी गर्दन से ऊपर का हिस्सा सहित शरीर के कुछ अन्य हिस्से अब तक नहीं मिले हैं। साथ ही बरामद किए गए टुकड़ों की चिकित्सीय जांच कराई जा रही है। इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है।
इस बर्बर घटना पर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टीकरण नीति से संथाल परगना की जनजातियों का अस्तित्व संकट में आ गया है। समुदाय विशेष के लोग और बांग्लादेशी घुसपैठिए जनजातियों की जमीन हड़पने की रणनीति को अपनाते हुए इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
पहले भी घट चुकी हैं ऐसी घटनाएं!
दुमका के जरुवाडीह की रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग युवती को शाहरुख ने 23 अगस्त को पेट्रोल डालकर मार डाला। शाहरुख ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वह नाबालिग युवती उसके साथ दोस्ती नहीं करना चाहती थी।
इसके कुछ दिन बाद दुमका के ही श्रीअमड़ा में भी 2 सितंबर को जनजाति समाज की एक नाबालिग लड़की का शव एक पेड़ से लटकता पाया गया था। इस घटना को अरमान अंसारी ने अंजाम दिया था। अरमान उस युवती के साथ काफी समय से दुष्कर्म कर रहा था। जब वह युवती गर्भवती हो गई तो उसने अरमान पर विवाह का दबाव बनाया। इसी बात पर अरमान ने उसे जान से मार दिया और उसके शव को एक पेड़ से लटका दिया था।
सितंबर के महीने में खूंटी और लोहरदगा में अलग-अलग लव जिहाद के मामले देखने को मिले थे। दोनों जगहों पर जनजाति समाज की नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। इन मामलों में खूंटी के फखरुद्दीन, लोहरदगा के रब्बानी अंसारी और साजन उरांव का नाम आया था। हालांकि इस दौरान किसी की हत्या नहीं हुई थी।
इसके बाद 31 अक्तूबर को सिमडेगा के बानो प्रखंड की पबुड़ा पंचायत के चाटूगोड़ा निवासी राधेश्याम सिंह की 16 वर्षीया नाबालिग बेटी की मौत हो गई थी। इसमें चांद अंसारी नाम के युवक पर आरोप लगा था कि उसने पहले युवती का अपहरण किया, उसके बाद बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी।
इन घटनाओं से यह समझना मुश्किल नहीं है कि झारखंड लव जिहादियों के चंगुल में फंस चुका है। इसके पीछे स्थानीय जिहादी तो हैं ही, साथ में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए भी हैं। ये लोग जनजातियों की जमीन पर कब्जा करने के लिए जनजाति समाज की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा रहे हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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