केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोदी सरकार द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध अपनाई जी रही नीतियों की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि आतंकवाद के विरुद्ध कड़े से कड़े कानून मोदी सरकार ने बनाए हैं जिसको लेकर कुछ देशों की बौखलाहट सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध दुनिया को एकजुट करने और आतंकवादियों के लिए कोई धन नहीं है, ऐसी सोच पैदा करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर भारतीय के जीवन को महत्वपूर्ण समझकर आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कदम उठाए हैं। इस कारण 2014 के बाद आतंकवाद से हो रही नागरिकों की मौत में 80 प्रतिशत और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में 168 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद को समाप्त करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। इसके उदाहरण हैं 2016 का सर्जिकल स्ट्राइक 2019 में बालाकोट में की गई कार्रवाई।
पूर्वोत्तर भारत में आया शांति का युग
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में 75 वर्ष में जो काम किसी ने नहीं किया, वह काम मोदी सरकार ने करके दिखा दिया है। इस कारण पूर्वोत्तर भारत में शांति का युग आया है। 2014 के बाद वहां उग्रवादी हिंसा में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है और लगभग 6,000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर स्थानों से अफस्पा को हटा लिया गया है। त्रिपुरा और मेघालय से अफस्पा को पूरी तरह से हटा लिया गया है, जबकि असम के भी 60 प्रतिशत भाग से अफस्पा हट गया है।
पाकिस्तान को लिया निशाने पर
अनुराग ठाकुर ने बताया कि पूरे विश्व में भारत की छवि एक मददगार देश की बनी है, वहीं पड़ोसी देश की छवि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली बनी है। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देश का चेहरा बेनकाब हुआ है।
‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ की दी जानकारी
अनुराग ठाकुर ने समय—समय पर भारत सरकार द्वारा किए गए ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ के बारे में बताया कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के अंतर्गत 2021-22 में यूक्रेन में फंसे 22,500 भारतीय नागरिकों को लाया गया। यह ऑपरेशन 2022 में एक फरवरी से लेकर मार्च के बीच तक चला। उन्होंने कहा कि 2021 में ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के अंतर्गत अफगानिस्तान से 670 नागरिक लाए गए। कोरोना महामारी के दौरान ‘वंदे भारत अभियान’ के माध्यम से 1,83,00,000 लोगों को स्वदेश लाया गया था। उन्होंने बताया कि 2016 में ‘ऑपरेशन संकट मोचन’ चलाया गया। वहीं, ‘ऑपरेशन नेत्री’ के अंतर्गत नेपाल से भारतीयों को लाया गया। ‘ऑपरेशन राहत’ के जरिए यमन से भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने न केवल अपने ही नागरिकों की, बल्कि विदेशी लोगों की भी जान बचाई।
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