अमेरिका की गुप्तचर संस्था सीआईए के प्रमुख ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा के पुल बांधे हैं। अमेरिका के इस आधिकारिक संगठन द्वारा भारत के शीर्ष नेता की इस तारीफ को रक्षा विशेषज्ञ बहुत महत्वपूर्ण मान रहे हैं। सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स ने मोदी के अंतरराष्ट्रीय मंच दिए उस वक्तव्य की भी तारीफ की जो उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध के संदर्भ में दिया था।
विलियम बर्न्स ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परमाणु हथियारों के प्रयोग से बचने की सलाह का रूस-यूक्रेन युद्ध में असर दिखा है। रूस की तरफ से इन हथियारों के प्रयोग का कोई प्रमाण न मिलना इस बात की पुष्टि करता है। मोदी ने परमाणु हथियारों के प्रयोग की संभावनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए ऐसा न करने की अपील की थी। उसका रूस पर स्पष्ट असर दिख रहा है।
सीआईए प्रमुख बर्न्स के कहे शब्द अंतरराष्ट्रीय जगत में रक्षा विशेषज्ञों द्वारा बहुत गंभीरता से संज्ञान में लिए जाते हैं। इस दृष्टि से भी मोदी के वैश्विक मंचों पर दिए वक्तव्यों का एक अलग महत्व दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जो परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं, उनका रूस पर भी असर दिख रहा है।” ध्यान रहे कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध में परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकी दी थी, इसी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से चर्चा की थी और ऐसे कदमों से बचने का आग्रह किया था।
बर्न्स ने साफ कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस द्वारा युद्ध में सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने कोई सबूत न मिलना स्पष्ट करता है कि प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों का असर पड़ा है। यह बात विलियम बर्न्स ने एक साक्षात्कार में कही है। उन्होंने कहा, ”मेरे हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी ने जो परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं, उनका रूस पर भी असर दिख रहा है।” ध्यान रहे कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध में परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकी दी थी, इसी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से चर्चा की थी और ऐसे कदमों से बचने का आग्रह किया था।
सीआईए प्रमुख ने आगे कहा कि मुझे लगता है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के प्रयोग की बात सिर्फ भय पैदा करने के लिए कही थी। पुतिन ने रूस की मानवाधिकार परिषद की बैठक में कहा था कि यूक्रेन को काबू करने के लिए मास्को अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का प्रयोग करेगा।
उस बैठक में पुतिन का कहना था कि परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक रूस ने अपनी तरफ से परमाणु हथियारों के उपयोग करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। रूस किसी भी स्थिति में परमाणु हथियारों के उपयोग से दूर रहेगा, परन्तु इसका यह अर्थ नहीं लगाना चाहिए कि इनका उपयोग होगा ही नहीं। पुतिन ने सावधान किया था कि अगर रूस की सीमाओं पर हमला होता है तो फिर परमाणु युद्ध की नौबत आने से इनकार नहीं कर सकते।
दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञ पुतिन के इस वक्तव्य से चिंता में आ गए थे और मान रहे थे कि परमाणु अस्त्रों से लैस रूस किसी भी मौके पर यूक्रेन के विरुद्ध उनका प्रयोग कर सकता है जिससे विश्व को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। कई वैश्विक नेताओं ने मोदी से आग्रह किया था कि पुतिन के साथ बात करके तनाव को दूर करने में मदद करें। इसके बाद मोदी ने उक्त अपील की थी जिसे पुतिन ने पूरी गंभीरता से सुना और बहुत हद तक उस अनुसार व्यवहार भी किया।
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