हरिद्वार पुलिस का घोड़ा ‘राजा’ नहीं रहा, चेतक की तरह था रुतबा

राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से गंगा किनारे दफनाया गया

Published by
उत्तराखंड ब्यूरो

चित्तौड़गढ़ के “चेतक” की तरह हवा से बात करने वाले हरिद्वार पुलिस का घोड़ा “राजा” नहीं रहा। राजा ने 21 वर्ष से ज्यादा की अपनी पुलिस सेवा के दौरान कुंभ, अर्द्ध कुम्भ में भीड़ को व्यवस्थित करने में कुशलता प्रदर्शित की। राजा की चतुराई भरी चाल कांवड़ के दौरान तीर्थयात्रियों को नियंत्रित करने के लिए वरदान साबित हुई थी।

पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ होने के कारण राजा के असमय निधन से हरिद्वार घोड़ा पुलिस को भारी क्षति हुई है। राजा ने कुंभ स्नान के साथ-साथ कांवड़ यात्रा में भी भीड़ को नियंत्रण करने में अहम भूमिका निभाई।

“राजा” को विधिसम्मत राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देते हुए के एसएसपी अजय सिंह ने राजा को सलामी देकर राजा द्वारा दी गयी गर्वीमय सेवाओं को याद किया। राजा को पुलिस विभाग में दी गई उनकी सेवाओं के लिए पुलिस के कई सम्मान प्राप्त हुए थे। इस मौके पर एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, एआरओ संचार विपिन कुमार, सीओ सिटी मुकेश ठाकुर, सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, सीओ सदर बहादुर सिंह चौहान एवं अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

Share
Leave a Comment