देश की मल्टीनेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस पर बच्चों के माता-पिता को गलत तरीके से पाठ्यक्रम बेचकर छात्रों का शोषण करने का आरोप लगा है। जिसको लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकारी संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बायजूस कंपनी के सीईओ बायूज रवींद्र को समन भेजकर तलब किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कंज्यूमर कोर्ट वेबसाइट्स पर कंपनी के खिलाफ कई तरह की शिकायतों की बात सामने आई है। जहां छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनका शोषण किया जा रहा है, धोखे से उन्हें बहलाकर कर्ज आधारित समझौते करावाए जा रहे हैं। इसी के साथ उनका कहना है कि उन्हें अपने पाठ्यक्रम को खरीदने के लिए अपने फ्यूचर को खतरे में डालना पड़ रहा है।
वहीं मामले में बाल अधिकार निकाय ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। NCPCR ने रवींद्र को छात्रों के लिए बायजूस के पाठ्यक्रम की हार्ड सेलिंग और गलत तरह से बिक्री के कथित कदाचार को लेकर 23 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार आयोग के पास एक समाचार रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि बायजूस की सेल्स टीम बच्चों के पेरेंट्स को अपने पाठ्यक्रम को खरीदने के लिए लुभाते है, धोखा देते हैं और उन पर दवाब बनाते है।
NCPCR ने बताया कि आयोग इस बात पर बेहद सख्त है, और ध्यान दे रहा है कि बच्चों के माता-पिता या छात्रों को कर्ज आधारित समझौते अगर करवाए गए हैं, तो वह बच्चों के भविष्य के लिए हित में नहीं हैं। और सीपीसीआर अधिनियम 2005 की धारा 13 और 14 के तहत कार्यों और शक्तियों के अनुसरण में है या नहीं इस बात को भी ध्यान में रखा गया है। आयोग ने बायजूस द्वारा बच्चों के लिए चलाए जा रहे सभी पाठ्यक्रम का विवरण, पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर, पाठ्यक्रम की फीस का स्ट्रक्चर, पाठ्यक्रम को पढ़ रहे छात्रों की संख्या, बायजूस की फीस रिफंड पॉलिसी की पूरी जानकारी को लेकर कंपनी के सीईओ बायजू रविंद्र को तलब किया है।
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