चीन हो जाओ सतर्क ! हिंद महासागर में भारत ने बढ़ाई अपनी ताकत, INS मोरमुगाओ भारतीय नौसेना में हुआ शामिल

नौसेना के अनुसार इस पोत की लंबाई 163 मीटर, 17 मीटर चौड़ाई और वजन 7,400 टन है। इसकी गिनती भारत निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में की जा सकती है। जाने इस पोत की और भी खासियत...

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WEB DESK and Masummba Chaurasia

हिंद महासागर क्षेत्र में ड्रेगन की बढ़ती मौजूदगी के बीच अपनी समुद्री क्षमता को और मजबूत करने के लिए स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल हो गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में पोत का जलावतरण किया। भारतीय नौसेना के मुताबिक यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के साथ-साथ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे हथियारों की श्रेणी से लैस है।

नौसेना के मुताबिक, इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, 17 मीटर चौड़ाई और वजन 7,400 टन है। इसकी गिनती भारत निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में की जा सकती है। इसका नाम मोरमुगाओ पश्चिमी तट पर बने ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। 19 दिसंबर 2021 को पहली बार यह युद्ध पोत समुद्र में उतरा गया था। और इसी दिन पुर्तगाल के शासन से गोवा के समवतंत्र होने के 60 साल पूरे हुए थे। इस युद्धपोत का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेडका में किया गया है। इसके साथ ही इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन द्वारा तैयार करवाया गया है।

युद्धपोत की खासियत
स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है। इसी के साथ यह पोत 30 समुद्री मील से ज्यादा की गति प्राप्त करने में सक्षम है। नौसेना ने बताया कि इस पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को भारत में ही तैयार किया गया है, और इस पोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है। यह पोत हर प्रकार के हथियारों की प्रणालियों से लैस है। यह पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों में लड़ने में योग्य है।

भारत समुद्र में बढ़ा रहा अपनी शक्ति
मालूम हो, भारत चीन के बढ़ते दुस्साहस को देखते हुए सीमाओं पर मुस्तैदी से अपनी पैनी निगाह रखे हुए है, इसी के साथ-साथ भारत हिंद महासागर पर भी अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, समुद्री क्षमता को बढ़ावा दे रहा है। जिससे भारत चीन के नापाक मंसूबो को मुंहतोड़ जवाब दे सके। नौसेना ने कहा कि इस पोत का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित है और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत बनाया गया है।

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