ईरान में हिजाब का विरोध करने पर एक युवक को सरेआम फांसी दे दी गई है। फांसी से पहले का उसका वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह लोगों से कह रहा है कि उसकी कब्र पर कुरान न पढ़ें और न ही दुखी हों, बल्कि जश्न मनाएं। यह वीडियो 12 दिसंबर का है। 23 साल के मजीदरेजा रहनवर्ड को फांसी पर लटकाया जा रहा था। ठीक उसके पहले का यह वीडियो है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक की आंखों पर पट्टी बंधी है और उसके पास मास्क पहने दो गार्ड भी खड़े हैं। युवक कह रहा है कि कोई भी कुरान न पढ़े। मैं नहीं चाहता है कि कोई मेरी मौत पर दुखी हो। कोई भी किसी भी तरह की दुआ न करे। सभी लोग मेरी मौत का जश्न मनाएं, गानें बजाएं, खुश रहें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तारी के 23 दिन बाद मजीदरेजा रहनवर्ड को फांसी पर लटका दिया गया। इस वीडियो को बेल्जियम की एक सांसद ने शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि उसके आखिरी शब्द थे- कुरान न पढ़ें, दुखी न हों, जश्न मनाएं। शरिया कानून की वजह से उसकी जान गई। उसने सिर्फ अपने हक के लिए आवाज उठाई थी। शरिया कानून में खुदा के हवाले से कई कानूनों के लिए सजा का प्रावधान हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मजीदरेजा रहनवर्ड पर आरोप था कि उसने प्रदर्शन के दौरान दो पुलिस अफसरों की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा चार अन्य अफसरों पर भी हमला किया था। उसके बाद तेहरान कोर्ट ने मजीदरेजा को मौत की सजा सुनाई थी। इससे पहले 8 दिसंबर को 23 साल के मोहसिन शेखरी नामक युवक को फांसी दी गई थी।
बता दें कि ईरान हिजाब के खिलाफ लगातार विरोध हो रहा है। बीते सितंबर माह में तेहरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद विरोध तेजी से बढ़ा, जिसके बाद हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईरान की न्यायपालिका ने बीते मंगलवार को कहा कि अकेले राजधानी में 400 लोगों को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने पर 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। तेहरान की न्यायपालिका के एक प्रवक्ता ने कहा कि तेहरान प्रांत में दंगाइयों के मामलों की सुनवाई में 160 लोगों को पांच से 10 साल की जेल, 80 लोगों को दो से पांच साल और 160 लोगों को दो साल तक की सजा सुनाई गई।
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