गोधरा कांड : कारसेवकों को जलती बोगी से बाहर आने से रोकने वाले को मिली जमानत

फारुक पर साबरमती एक्सप्रेस के जलते डिब्बे से लोगों को बाहर आने से रोकने के लिए पथराव करने का दोष साबित हुआ था

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WEB DESK

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषी फारुक को जमानत दे दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने फारुक को 17 साल से जेल में होने के आधार पर जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि बाकी दोषियों की जमानत और मुख्य अपील पर बाद में सुनवाई होगी।

फारुक पर साबरमती एक्सप्रेस के जलते डिब्बे से लोगों को बाहर आने से रोकने के लिए पथराव करने का दोष साबित हुआ था। 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 बोगी में आग लगाई गई थी, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी। साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से कारसेवकों को लेकर आ रही थी। गोधरा की इस घटना के बाद गुजरात में दंगे हुए थे।

इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 2011 में 31 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से 11 को फांसी की सजा और 20 को उम्रकैद की सजा हुई थी। इस मामले में 63 अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया था। 2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से फांसी की सजा मिले 11 दोषियों की सजा कम करते हुए उम्रकैद में तब्दील कर दिया था और 20 को मिली उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।

 

 

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