हिमालय क्षेत्रों में भारतीय सेना द्वारा गठित इंफ्रेट्री बटालियन, ईको टास्क फोर्स के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का अनुरोध राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री को भेजा गया है। हिमालय में पेड़ों को लगाने और उनका संरक्षण करने के लिए जनरल विपिन चंद्र जोशी के कार्यकाल में देश में प्रादेशिक सेना के रूप में ईको टास्क फोर्स का गठन हुआ था।
कुमायू गढ़वाल में एक-एक बटालियन तैनात की गई, जिसने लाखों की संख्या में पेड़ लगाए। इस सेना में पूर्व सैनिकों का चयन करके भर्ती की जाती है और इसके अधिकारी सेना से डेपुटेशन पर भेजे जाते हैं। इसका खर्चा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
2008 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री पूर्व मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी ने राज्य सरकार के खर्चे पर दो बटालियन और तैयार की यानी राज्य में कुल चार बटालियन काम कर रही हैं। आगामी वर्ष मार्च तक ईको टास्क फोर्स का कार्यकाल है, जिस पर उत्तराखंड के वन पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने एक समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख करके इस फोर्स का कार्यकाल 2028 तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है।
राज्य सरकार ने केंद्र से कहा है कि वो दो की बजाय अब चारों बटालियनों का खर्च भी उठाएं क्योंकि ये फोर्स हिमालय के संरक्षण का काम करती है और इसके वृक्षारोपण अभियान से जलवायु नियंत्रण भी हो रहा है।
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