स्वामिनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी जी महाराज के शताब्दी महोत्सव के समापन का उद्घाटन 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। बता दें कि यह शताब्दी महोत्सव एक वर्ष से देश—दुनिया में मनाया जा रहा है। इसके समापन पर एक महीने तक अनेक कार्यक्रम होंगे। इसके लिए अमदाबाद में 600 एकड़ जमीन पर प्रमुख स्वामी नगर बसाया गया है।
अमदाबाद में 14 दिसंबर से 15 जनवरी, 2023 तक चलने वाले प्रमुख स्वामी महाराज के शताब्दी महोत्सव के समापन कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी ने किया। स्वामिनारायण संस्था के महंत स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल सहित देश—विदेश से पधारे भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। महोत्सव को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे सत्संगी बनने का अवसर मिला है। यहां देवत्व की अनुभूति होती है, संकल्पों की भव्यता है। यह नगर संस्कृति और विरासत का परिचायक है। यहां भारत का हर रंग दिखता है। यहां संतों की कल्पना शक्ति है। महंत स्वामी के आशीर्वाद से ऐसा भव्य आयोजन है जो विश्व को प्रभावित करेगा। आने वाली पीढ़ी को प्रभावित करेगा। मेरे पिता तुल्य प्रमुख स्वामी महाराज के दर्शन के लिए दुनिया भर से लोग आएंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्वामीजी का शताब्दी समारोह मनाना दर्शाता है कि स्वामी जी के विचार सार्वभौम हैं। नगर में एक समृद्ध संत परंपरा दृष्टिगोचर होती है। उन्होंने कहा कि बचपन में स्वामीजी को देखकर अच्छा लगता था। 1981 में पहली बार व्यक्तिगत रूप से स्वामीजी का सत्संग हुआ था। स्वामीजी ने अध्यात्म और विज्ञान का अद्भुत संगम मंदिरों द्वारा दर्शाया है। उन्होंने जाति-पाति, अमीर, गरीब जैसे भेदों को समाप्त कर दिया। प्रमुख स्वामीजी हमेशा मुझे चुनाव के नामांकन के लिए कलम भेजते थे। वे मुझे 40 साल तक हर साल कुर्ता पजामा का कपड़ा भी भेजते रहे। महंत स्वामी महाराज आज भी इस परंपरा को जारी रखे हुए हैं। प्रमुख स्वामी महाराज आज जहां कहीं भी हैं, वहां से मुझे देख रहे हैं। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब हमेशा गांधीनगर के अक्षरधाम के शिखर के दर्शन करता था। दिल्ली अक्षरधाम स्वामी के महान शिष्यत्व की ताकत को दर्शाता है। स्वामीजी द्वारा स्थापित संतों की शिक्षा कैसी होती है, यह देखने के लिए सारंगपुर जाना चाहिए। भूपेन्द्रभाई पटेल ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज का उत्सव जन—जन का उत्सव है। प्रमुख स्वामी महाराज ने जाति, धर्म, देश के भेदभाव के बिना अपना जीवन व्यतीत किया।
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