लखनऊ : लोकगायिका मालिनी अवस्थी का गाना जब भी रिलीज होता है, धूम मचाता है। सोमवार को उनका गाना रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे…,रिलीज हुआ है, जिसे दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। इस गीत को 24 घंटे में 16 लाख व्यूज मिल चुके हैं। इसे कई बार सुना गया है, इसके बावजूद इसे सुनने की चाहत कम नहीं होती है। इस गीत के बोल सुनते ही कदम खुद ब खुद थिरकते लगते हैं। इसकी लॉन्चिंग होटल ताज में पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने गाकर की। वहां मौजूद लोगों के कानों में जैसे ही इस गीत के बोल पड़े वह इसके मोहपाश में बंधकर रह गए, मनमुग्ध होकर गीत को सुनते ही रह गए।
रेलिया बैरन पिया…को सचिन कुमार ने बेहद मधुर संगीत से सजाया है। इस गीत की लॉन्चिंग के बाद मालिनी अवस्थी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ गीत नहीं बल्कि मातृशक्ति के साहस का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज भी लोग ट्रेनों से जौनपुर, गोरखपुर, मुगलसराय, कोचिन, लुधियाना पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापन पूरब की त्रासदी रही है। एक बेहतर जिंदगी जीने की तलाश में प्रति दिन, अपना गांव, अपना घर परिवार छोड़कर रेलगाड़ी में बैठकर जाने कितने ही युवा अपने सपने पूरे करने परदेस निकल जाते हैं, और वहां जाकर बस जाते हैं। पीछे रह जाती है उनकी प्रियतम जिसकी तरसती आंखें उनका इंतजार करती रहती है।
उन्होंने बताया कि लंबे समय तक इंतजार को आंसुओं में नहीं बल्कि मनोभावों में पिरोकर गाकर व्यक्त करने की ये कला हमारे पूर्वजों में थी, जिन्होंने लोकगीतों के माध्यम से एक दूसरे से अपने सुख-दुख गाकर साझा करना सिखाया है। उन्होंने कहा कि घरों की महिलाएं अपने पति को विदा करती हैं, उनसे बिछोह का दर्द सहती हैं, फिर भी अपने पति को नहीं कोसतीं है, बल्कि वे महिलाएं रेल को कोसती हैं। जो उनके पति को लेकर जा रही है। उन्होंने बोला कि ये वह रेल बैरन है…जो पिया को लेकर चली गई। उन्होंने कहा कि इस गीत की आत्मा आज भी उतनी ही पवित्र है। जितनी पहले हुआ करती थी। आज एख बार फिर से इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की जरूरत इसलिए आन पड़ी क्योंकि आज भी विस्थापन जारी है।
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