गुवाहाटी: असम के मोरीगांव जिले के एक मुस्लिम बहुल गांव में एकमात्र हिंदू परिवार को पुश्तैनी संपत्ति हड़पने के लिए गुंडों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं उनके घरों को जला दिया गया। इसी के साथ उन्हें संपत्ति छोड़कर भाग जाने की लगातार धमकी भी दी गई। ये पूरा मामला राजू रविदास नाम के एक शख्स और उनके परिवार का है। जिनके पूर्वज ब्रिटिश काल के दौरान बिहार से असम चले गए थे।
100 से अधिक वर्षों से राजू रविदास का परिवार मोरीगांव जिले के लाहौरीघाट क्षेत्र के एक गांव में रह रहा है। उनके पास करीब एक एकड़ जमीन है, जहां वे रहते हैं। मुसलमानों से घिरे गांव में उनका ही एकमात्र हिंदू परिवार है। पहले इस इलाके में सैकड़ों हिंदू परिवार थे लेकिन उनमें से ज्यादातर ने इस्लामिक आक्रमण के कारण जगह छोड़ दी। गांव के एक कोने में 16 हिंदू परिवार रहते हैं लेकिन राजू रविदास परिवार मुस्लिम परिवारों से ही घिरा हुआ है। उनकी पुश्तैनी जमीन पर उनके पड़ोसी अब्दुल जलील की काफी समय से नजर है। जलील और उसके 25 सदस्यों के बड़े परिवार ने रविदास और उसके परिवार को धमकाना शुरू कर दिया।
पीड़ित राजू रविदास की मां तुलसी दास ने कहा कि अब्दुल जलील अक्सर उनके परिवार के लोगों को पीटते थे। वे कैंपस से बाहर नहीं निकल पाते थे। हाल ही में राजू रविदास को पास के बाजार में धमकाया गया था। कुछ साल पहले जब परिवार एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने गया था, तो उनके घर को बदमाशों ने जला दिया था। रविवार को परिवार की दर्दनाक कहानी एक स्थानीय न्यूज चैनल ने कवर की जिसके बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जिला प्रशासन से परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मोरीगांव एसपी और प्रशासन सोमवार को गांव पहुंचे और परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इलाके के हिंदू समाज ने बताया कि उनके लिए स्थिति बहुत कठिन है। क्षेत्र में 20 से कम हिंदू परिवार हैं। पिछले कुछ दशकों में क्षेत्र में मुसलमानों की भारी आबादी ने हिंदुओं को एक सूक्ष्म अल्पसंख्यक बना दिया है। अधिकांश हिंदू परिवारों ने वहां अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेच दी और अन्य स्थानों पर चले गए। लेकिन कुछ परिवार जो अभी भी वहां हैं उन्हें मुसलमानों से लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। यह अच्छा है कि घटना सीएम के संज्ञान में आई और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। प्रशासन ने फिलहाल सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा कहां तक मुहैया कराई जाएगी ? उसके बाद उन हिंदू परिवारों का क्या हश्र होगा।
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