मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के व्यवधान के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफआरसीए) लाइसेंस को रद्द करने के बारे में सवालों से बचना चाहते हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन, जिस पर उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी दूतावास से पैसा मिला था।
संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का मुद्दा उठाकर प्रश्नकाल के दौरान हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- “अगर वे अनुमति देते तो मैं संसद में जवाब देता कि 2005-2007 के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन को 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला था, जो एफसीआरए के नियमों के अनुसार उचित नहीं था। इसलिए नियमों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने इसका पंजीकरण रद्द कर दिया। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख जाकिर नाइक ने भी 7 जुलाई, 2011 को फाउंडेशन को 50 लाख रुपये दिए। मैं राजीव गांधी फाउंडेशन के सदस्यों से पूछना चाहता हूं, जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, जाकिर नाइक ने आपको ये फंड क्यों दिया ?” देश की जनता इस पर स्पष्टीकरण की हकदार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे की निंदा करते हुए कहा- “आज लोकसभा में विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि 12 बजे रक्षा मंत्री संसद में इस (तवांग फेसऑफ) पर बयान देंगे। मैं कहना चाहता हूं, यह भाजपा की सरकार है, नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री हैं और जब तक भाजपा सरकार सत्ता में है, हम किसी को एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे। मैं हमारे सैनिकों द्वारा प्रदर्शित बहादुरी की सराहना करता हूं।”
शाह ने कहा, “राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा एफसीआरए उल्लंघन पर लोकसभा में सवाल उठाने से बचने के लिए विपक्ष ने भारत-चीन गतिरोध का मुद्दा उठाया।”
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