जबरन मतांतरण कराने वाले पाकिस्तानी मौलवी पर ब्रिटेन की सुनक सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। पाकिस्तानी कट्टर मौलवी को जबरन हिन्दू लड़कियों की शादी मुस्लिम मर्दों से कराने के आरोप में प्रतिबंध सूची में डाल दिया है। इसके अलावा मानवाधिकारों का हनन करने वाले कई भ्रष्ट अधिकारियों और संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है। ब्रिटेन की सरकार ने ऐसे कुल 30 व्यक्तियों, अधिकारियों और संस्थाओं को प्रतिबंधित किया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज की खबर के अनुसार पाकिस्तान के सिंध के मौलवी को शुक्रवार को ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंध सूची में रखा है। ब्रिटेन के इस कदम के बाद पाकिस्तान उन 11 देशों में शामिल हो गया है, जहां अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा।
बतादें ऋषि सुनक सरकार ने पाकिस्तान के एक कट्टर मौलवी को जबरदस्ती हिन्दू लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़कों से कराने के आरोप में प्रतिबंधित लोगों की सूची में रख दिया है। पाकिस्तान के न्यूज पेपर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक सिंध के एक मौलवी को 9 दिसंबर को ब्रिटेन की सरकार की ओर से प्रतिबंधित लोगों की सूची में डाल दिया है। जिसकी वजह से अब पाकिस्तान उन 11 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जहां अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जाएगा। मौलवी पर आरोप है कि वह पिछले कई सालों से नाबालिग हिन्दू लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़कों से करा रहा था।
डॉन न्यूज के मुताबिक ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा है कि यूके धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता को बेहद गंभीरता से देखता है। जिसकी वजह से यूके पूरी दुनिया में अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों की इस नई लिस्ट में मौलिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वालों को चिंहित किया जाता है। जिसमें सिंध के भरचुंडी शरीफ दरगाह के एक मौलवी जिनका नाम मियां अब्दुल हक है उन्हें शामिल किया गया है, जिनपर हिन्दू लड़कियों और जो नाबालिग हैं उनपर जबरन विवाह करने का आरोप लगा है। इसी के साथ मौलवी जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए भी जिम्मेदार है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि उन्होंने ये भी कहा कि मौलवी के अलावा इस प्रतिबंध की लिस्ट में और कोई अन्य पाकिस्तानी का नाम शामिल नहीं है।
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