रेल मंत्री,भारत सरकार अश्विनी वैष्णव ने काशी – तमिल संगमम के आठवें समूह के डेलीगेट्स के साथ अनेक प्रकार के अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर रेल मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से काशी -तमिल संगम के माध्यम से काशी और तमिल के बीच अटूट रिश्ता परिलक्षित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि तमिल भाषा सबसे पुरानी है। उन्होंने कहा तमिलनाडु के बहुत से लोग श्री काशी विश्वनाथ की सेवा में लगे हुए हैं और बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगमम को यादगार बनाने के लिए काशी-तमिल संगमम एक्सप्रेस की सेवा प्रारंभ की जाएगी।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडू के रेलवे स्टेशनों को देखकर ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि पूरे भारत में रेलवे स्टेशन का स्वरूप एयरपोर्ट जैसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे काशी-तमिल संगमम के दौरान डेलिगेट्स का परिवार की तरह ध्यान रखने के लिए आई आर सी टी सी ,जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन बधाई के पात्र हैं ।
इस अवसर पर काशी-तमिल संगमम में आये डेलिगेट्स ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्हें काशी में आश्चर्यजनक एवं अविस्मरणीय अनुभव हुआ है। इससे उत्तर और दक्षिण भारत का अभूतपूर्व संगम हुआ है। इस दौरान डेलिगेट्स ने प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री,रेल मंत्री,जिला प्रशासन एवं रेलवे प्रशासन और काशी वासियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सभी ने हमारा बहुत अच्छे तरीके से ध्यान रखा और हमें किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं हुई।
एक अन्य डेलीगेट्स ने सुझाव दिया कि जो अनुभव हमें यहां से मिला है करोड़ो खर्च करने के बाद भी नही मिल सकता है। डेलीगेट्स ने सुझाव दिया कि इस तरह के संगमम सरीखे कार्यक्रम हर वर्ष होने चाहिए, इससे भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध होगी।
काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम में जिलाधिकारी,वाराणसी एस राजलिंगम द्वारा डेलिगेट्स द्वारा तमिल भाषा में बताये गये अनुभवों को अंग्रेजी भाषा में अनुवाद कर सभी को डेलिगेट्स की भावनाओं से अवगत कराया।
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