बिहार कैडर के IPS अमित लोढ़ा पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। IPS अमित लोढ़ा अपने जीवन पर बनी वेब सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ को लेकर चर्चा में हैं। लोढ़ा पर लोकसेवा अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है।
गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने स्पष्ट किया है कि गया के तत्कालीन IG अमित लोढ़ा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई। लोढ़ा पर प्रोडक्शन हाउस फ्राइडे स्टोरी टेलर्स के साथ सौदा करने के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करके वित्तीय लाभ के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप है।
विभागीय जांच में लोढ़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। इस आधार पर सात दिसंबर को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ पदाधिकारी और मगध रेंज के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा के खिलाफ यह केस दर्ज किया था। सतर्कता इकाई ने कहा कि चूंकि वह अभी भी एक सेवारत आईपीएस अधिकारी हैं और एक स्थापित लेखक नहीं हैं, इसलिए वह वेब सीरीज के लिए किसी फर्म के साथ करार नहीं कर सकते।
अमित लोढ़ा पर सौदे से 12,372 रुपये प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है, जबकि 38.25 लाख रुपये उनकी पत्नी कौमीदी के खाते में जमा किए गए थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि “अवैध रूप से अर्जित धन के लेन-देन” को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्म और कौमिदी के बीच एक समझौता हुआ था।
बताया गया है कि विशेष निगरानी इकाई की ओर से भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड विधान के तहत प्राथमिकी की धाराएं सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को 4 से 10 साल तक की सजा दिला सकती है। 09 फरवरी, 2023 तक अंतिम जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इसपर फैसला होगा।
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