रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने इस सवाल को भी खारिज किया कि हाल के वर्षों में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के माध्यम से भर्ती किए गए व्यक्तियों की संख्या में कमी आई है और संविदा कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि वर्तमान में सरकारी निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से नियमित रेलगाड़ी सेवाओं के परिचालन का कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है। रेल मंत्री ने कहा कि भारत गौरव रेलगाड़ी पोर्टल पर 15 सेवा प्रदाताओं को पंजीकृत किया गया है। इनमें से चार सेवा-प्रदाताओं को उनकी मांग के अनुसार भारतीय रेल द्वारा रेक आवंटित कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में 30 नवंबर तक, भारत गौरव रेलगाड़ी योजना के तहत कुल 26 वाणिज्यिक फेरे परिचालित किए गए हैं।
रेलवे बोर्ड के सेवानिवृत्त अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने बताया कि वर्तमान अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी, रेलवे बोर्ड को एक वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है, जिसमें पुनर्नियोजन आधार पर छह माह की अवधि शामिल है। वर्तमान में मंत्रालय में 393 पद रिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक सदस्यों, महाप्रबंधकों और महानिदेशकों के पदों पर नियमित नियुक्ति करने का संबंध है, भारतीय रेल प्रबंधन सेवा के गठन के पश्चात संशोधित शर्तों के अनुसार इच्छुक और पात्र अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित कर इन पदों को भरा जाना है। इस दौरान नवंबर 2022 में महाप्रबंधकों को आठ पदों को भरने के लिए आदेश भी जारी किए गए हैं और शेष रिक्त पदों को भरे जाने के लिए प्रक्रिया जारी है। रिक्त पदों को भरा जाना सतत प्रक्रिया है और तदनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाती है।
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