संस्कृतभारती का तीन दिवसीय आखिल भारतीय छात्र सम्मेलन महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया जाएगा। जनवरी में 27, 28 और 29 तारीख आयोजित होने वाले सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हूए प्रान्त मन्त्री संजू प्रसाद ध्यानी ने बताया कि युवाओं में संस्कृत भाषा के प्रति बढ़ रहे रूझान को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अधिक से अधिक युवा और छात्र-छात्राएं संस्कृतभाषा के वर्तमान राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय फलक को देखने और समझने के लिए नागपुर में चार हजार छात्र-छात्राओं का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
इस सम्मेलन में 18 से 28 वर्ष के युवा और मेधावी छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयां में अध्ययनरत ऐसे छात्र-छात्राएं जो चाहे कोई भी विषय पढ़ते हों लेकिन संस्कृत भाषा को जानने और समझने में रूचि रखते हों ऐसे युवाओं को राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने का मौका मिलेगा। बी.ए. एम.ए. शास्त्री, आचार्य, बीएससी, एमएससी, पीएचडी छात्र-छात्राओं को सम्मेलन में प्रतिभाग करने का मौका दिया जाएगा। यह सम्मेलन डा. हेडगेवार स्मृति मन्दिर परिसर, रेशिमबाग नागपुर में आयोजित किया जाएगा। संस्कृतभारती की ओर से उत्तराखण्ड प्रान्त के लिए एक प्रान्त संयोजक नियुक्त किया गया है।
सम्मेलन में दिखेगी उत्तराखण्ड की झलक
संस्कृतभारती के प्रान्त मन्त्री डा ध्यानी ने बताया कि सम्मेलन में भाग लेने वाले छात्र-छात्राएं उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखेंगे। उत्तराखण्ड के वाद्ययन्त्र, लोकनृत्य, नाट्यमंचन में भी भाग लेंगे। सम्मेलन में विभिन्न कार्यम अयोजित किये जाएंगे जिसमें आशुभाषण, कथा, गीत, सुभाषित, अभिनय और अनेक व्यक्तित्व विकास और कौशल संवर्धन के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
उत्तराखण्डी पहनावा होगा आकर्षण का केन्द्र
उत्तराखण्ड के युवा प्रतिभागी सम्मेलन में उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के अनुसार अपना पहनावा पहनेंगे। पहाड़ी उत्तराखण्डी ब्रह्मकमल टोपी, और पहाड़ी परिधान सहित छात्राएं उत्तराखण्ड की गढ़वाल और कुमायुू के पारंपरिक पहनावे में शामिल होंगी।
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