उत्तराखंड के चमोली जिले के औली में 16 नवम्बर से भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू हुआ, भारत और अमेरिका के बीच हर साल संयुक्त सैन्य अभ्यास किया जाता है 1 साल यह सैन्य अभ्यास अमेरिका में और दूसरे साल भारत में होता है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का 18 संस्करण इस बार औली में आयोजित किया गया है।
भारत की ओर से असम रेजीमेंट और अमेरिका की ओर से इलेवंथ बटालियन एयरबोर्न ब्रिगेड ने भाग लिया जा रहा है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारत के तीन सौर और अमेरिका की ओर से भी तीन सौ जवानों के सैन्य दस्ते भाग ले रहे है।
यूनाइटेड नेशन के HADR (Humanitarian Assistance and Disaster Relief) मानवीय सहायता और आपदा राहत नियमों के तहत इसका आयोजन किया गया है। भारत में पहली बार किसी संयुक्त सैन्य अभ्यास को हाई एल्टीट्यूड पर किया जा रहा है जिसमें विदेशी सेना भाग ले रही है। समुद्र तल से लगभग 10000 फीट की ऊंचाई पर यह संयुक्त सैन्य अभ्यास किया जा रहा है।
चीन की सीमा से करीब 100 किलोमीटर पहले किए गए दोनो देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास का महत्व इसलिए भी बहुत ज्यादा है क्योंकि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास की हलचल चीन और पाकिस्तान दोनों जगह देखी जा रही है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास के अंतर्गत जवानों को CPX ( कमांड पोस्ट एक्सरसाइज ) और FTX ( फिर ट्रेनिंग एक्सरसाइज) की ट्रेनिंग दी जा रही है।
भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास में ट्रैप लेन के बारे में भी बताया गया। भारतीय सेना के जांबाज अधिकारियों ने अमेरिकी सेना को यह बता रहे है कि जंगल में किस तरह से ट्रैप लगाकर आप दुश्मन को खत्म कर सकते हैं बिना हथियारों का प्रयोग करें जंगल की लकड़ी और पेड़ों से ही कैसे बड़े और खतरनाक ट्रैप लगाए जा सकते हैं।
भारत और अमेरिका को संयुक्त सैन्य अभ्यास में रॉक क्राफ्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है। रॉक क्लाइंबिंग के जरिए कैसे लड़ाई के वक्त या जरूरत के वक्त खड़ी चट्टानों पर चढ़कर अपने ऑपरेशन को पूरा किया जा सकता है यह अमेरिकी जवानों को सिखाया जा रहा है।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में सबसे खास यह भी है कि अमेरिकी जवानों को अनआर्म्ड कॉम्बैट के बारे में भी बताया गया। यदि आपके पास हथियार नहीं है तो अपने शरीर को कैसे हथियार बनाकर आप दुश्मन को खत्म कर सकते हैं। कैसे मार्शल आर्ट के जरिए आप हथियार बंद दुश्मनों का सामना कर सकते हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास में यह भी बताया गया कि जंगल में दुश्मन को किस तरीके से खत्म किया जाता है और अपनी टीम को सुरक्षित रखते हुए जंगल के भीतर के ऑपरेशन कैसे खत्म किए जाते हैं। भारतीय वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर जिसकी ढाई सौ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड मैं 24 जवानों को स्लीदरिंग के जरिए हवा से नीचे उतारा कर पहाड़ी मोर्चे पर कैसे पहुंचा जाता है,ये जानकारी दी गई।
औली के भारतीय सेना के कमांड सेंटर में भारत और अमेरिका की सेना ने संयुक्त रूप से गांव में घुसे आतंकियों को कैसे न्यूट्रलाइज करना है? इसकी भी ट्रेनिंग दी गई। किसी भी ऑपरेशन में अपनी टीम को सुरक्षित रखते हुए दुश्मनों को कैसे खत्म करना है और बंधकों को कैसे मुक्त कराना है
भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास में आपदा बचाव राहत कार्यों को लेकर भी जोर दिया गया….जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर तपोवन क्षेत्र जहां डेढ़ साल पहले प्राकृतिक आपदा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई वहां पर भारत और अमेरिका की सेना को आपदा बचाव राहत कार्यों की ट्रेनिंग दी गई
इस दौरान जवानों को बताया गया कि प्राकृतिक आपदा के कारण पुल टूट चुके हैं सड़कें खत्म हो चुकी हैं और आपको पहाड़ की चट्टानों से जाना है और मरीजों को लाकर नदी पार करानी है।
अमेरिका और भारत के जवानों ने आपदा बचाव राहत कार्यों को लेकर भी स्पेशल ट्रेनिंग ल भारत और अमेरिका की संयुक्त सैन्य अभ्यास के इंचार्ज के तौर पर ब्रिगेडियर पंकज वर्मा इस पूरी संयुक्त सैन्य अभ्यास को देख रहे हैं।
अमेरिकी सैनिकों का भी कहना है कि भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करना उनके लिए काफी बेहतर है हमने एक दूसरे की ट्रेनिंग के बारे में भी जाना है हमने एक-दूसरे के हत्यारों के बारे में भी जाना है जरूरत पड़ने पर हम एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं
भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास में हथियारों का प्रदर्शन भी सबसे दिलचस्प है। अमेरिका की स्नाइपर गन से लेकर एसॉल्ट राइफल देखने लायक हैं वहीं भारत के आधुनिक हथियार भी देखने लायक हैं। आधुनिक रडार से लेकर थर्मल इमेजिंग सिस्टम काफी जबरदस्त है।
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