चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के हैंडलूम्स एवं पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने का रास्ता साफ हो गया। 25 नवम्बर को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस योजना के अंतर्गत सरकार पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए सामान्य वर्ग के बुनकरों को 50 फीसद एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बुनकरों को 75 फीसद की सब्सिडी देगी।
मालूम हो कि प्रदेश में सदियों से वस्त्र उद्योग की सम्पन्न परंम्परा रही है। आज भी प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल्य हैं। हथकरघों, बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या क्रमशः 1.91 लाख, 0.80 लाख और 20421 है।
इसी तरह मऊ, आंबेडकर नगर,वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जनपदों में पॉवरलूम की अधिकता है । योजना के अनुसार सरकार सौर ऊर्जा में ऊर्जिकृत होने वाले बुनकरों को सोलर इनवर्टर भी देगी। ऐसा होने से ऊर्जा तो बचेगी ही। तैयार उत्पाद इकोफ्रेंडली होंगे। साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी। पॉवरलूमस को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
इसी क्रम में बुनकरों की बेहतरी के लिए सरकार की योजना वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को बैंक से भी जोड़ने की है। इस पर काम चल रहा है। बैंकों से बुनकरों को जोड़ने के पीछे मकसद यह है कि उनके काम में पूंजी बाधा न बने। पूंजी के साथ उनको ओडीओपी योजना के तहत अनुदान भी मिले, इसके लिए सरकार अभियान चलाकर 50 हजार बुनकरों को बैंकों से जोड़ेगी। एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक में यह भी तय हो चुका है कि इस संबंध में जरूरत के अनुसार औपचारिक्ताओं में छूट दी जाएगी। सिडबी भी इस अभियान में मदद करेगी। मालूम हो कि पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
लूम एवं पॉवरलूम ही हमारी बेहद सपंन्न वस्त्र उद्योग की बुनियाद रहे हैं। इस क्षेत्र में हुनरमंद बुनकरों की भरमार है। विडंबना यह है कि जिनके बूते बनारस की रेशमी साड़ियां देश-दुनियां में ब्रांड बनीं वे (बुनकर) पूरी तरह से असंगठित क्षेत्र में हैं। इसके नाते उनको उनके हुनर का वाजिब दाम नहीं मिलता। योगी सरकार उनको और उनके हुनर को सम्मान देने के लिए संगठित क्षेत्र में लाना चाहती है। उप्र हैण्डलूम , पावरलूम , सिल्क , टेक्सटाइल एवं गारमेन्टिंग पॉलिसी -2017 के अंतर्गत 16 वस्त्र इकाईयों के पक्ष में ” लेटर आफ कम्फर्ट ” जारी किये जा चुके हैं। इन इकाईयों द्वारा 196.51 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इस निवेश से कुल 3243 व्यक्तियों को रोजगार मिला।
इसी क्रम में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत 19 हथकरघा क्लस्टरों के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजे गये हैं। इन क्लस्टरों के विकास के लिए 25.55 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रस्तावित की गयी है। इसके प्राप्त होने पर 2591 हथकरघा बुनकर लाभान्वित होंगे।
नोएडा में अपैरल पार्क की स्थापना हेतु भूमि की व्यवस्था हो गयी हैं । इस अपैरल पार्क में रुपये 3000 करोड़ के निवेश से लगभग 115 निर्यातोन्मुखी वस्त्र इकाईयां स्थापित की जायेंगी , जिससे लगभग 2 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की सम्भावना है । पार्क में वस्त्र इकाईयों की स्थापना होने पर लगभग 5 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की सम्भावना है । नोएडा में अपैरल पार्क की स्थापना हेतु भूमि की व्यवस्था हो गयी है।
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